सियासत | बड़ा आर्टिकल

जम्मू-कश्मीर के चुनाव टालते रहने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा क्या है?
जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव से संबंधित लगभग सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. सीटों के आरक्षण का काम हो गया है. अब मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम हो रहा है और चुनाव आयोग आयोग चाहे तो अगले कुछ दिन में किसी भी समय चुनाव की घोषणा कर सकता है.
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नदीमर्ग नरसंहार: जब कश्मीरी पंडितों का नाम लेकर हुई थी 'टार्गेट किलिंग'
90 के दशक में 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान, कश्मीर पंडितों के बगैर हिंदू औरतों के साथ' जैसे नारों से घाटी का माहौल अचानक ही बदल गया था. 2003 में सेना की वर्दी पहनकर आए आतंकियों ने नदीमर्ग (Nadimarg Massacre) में हिंदुओं को नाम लेकर मारा था. जिसमें दो बच्चे भी मारे गए थे. हाईकोर्ट (High Court) ने इस मामले को फिर से खोलने का फैसला किया है.
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कश्मीरी आतंकियों को 'पाकिस्तानी' बताना सरकार का निकम्मापन है!
'जन्नत' जाने के लिए कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Hindu) को चुन-चुनकर निशाना (Target Killings) बना रहे इन आतंकियों के खिलाफ केंद्र सरकार का रवैया गैर-जिम्मेदाराना ही नजर आता है. क्योंकि, सुरक्षा बलों द्वारा ठिकाने लगाये गए आतंकियों को अभी भी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े विदेशी आतंकी ही बताया जाता है.
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कश्मीरी हिंदुओं की हत्या पर आतंकियों को 24 घंटे में मौत देना ही इलाज नहीं है
कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग (Kashmiri Pandits target killings) को अंजाम दे रहे आतंकियों पर हमले करने से पहले ही कार्रवाई करने से भारतीय सेना को कौन रोक रहा है? क्या सुरक्षा बलों के पास इंटेलीजेंस इनपुट की कमी है? क्या सुरक्षा बलों के पास संसाधनों की कमी है? आखिर ऐसी कौन सी वजह है, जो कश्मीर से आतंकियों के जड़ से खात्मे की राह में बाधा है.
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कश्मीर में टारगेट किलिंग करने वाले 24 घंटे में बन रहे हैं निशाना!
धारा 370 हटाए जाने और अब जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का परिसीमन हो जाने के बाद चुनावों को लेकर बन रही संभावनाओं ने आतंकियों को बौखला दिया है. जिसका असर टारगेट किलिंग (Target killing) के तौर पर सामने आ रहा है. लेकिन, कश्मीर में टारगेट किलिंग करने वालों को भारतीय सेना (Indian Army) और सुरक्षा बल भी 24 घंटे में निशाना बना रहे हैं.
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कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर रहे पाकिस्तान ने कभी UN के प्रस्ताव पढ़े हैं...?
पाकिस्तान (Pakistan) कश्मीर में जनमत संग्रह (Referendum) कराने की बात के जरिये लगातार भ्रम फैलाता है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने यासीन मलिक (Yasin Malik) के बहाने एक बार फिर से कश्मीर को भड़काने की कोशिश की है. लेकिन, संयुक्त राष्ट्र (UN) के जिन प्रस्तावों की बात पाकिस्तान करता है. क्या उसने कभी इन प्रस्तावों को पढ़ा भी है?
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31 साल बाद बिट्टा कराटे के सताए लोगों का सिर उठाना, मतलब वक्त बदल गया है
90 के दशक में 'कश्मीरी पंडितों का कसाई' कहे जाने वाले आतंकवादी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे (Bitta Karate) के अपराधों की फाइल खुल गई है. कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के करीब 31 साल बाद बिट्टा कराटे के पहले शिकार बने सतीश टिक्कू (Satish Tickoo) के परिवार ने श्रीनगर सेशंस कोर्ट में मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की है.
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