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बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 50 साल, जानिए भारतीय बैंकिंग की तस्वीर कैसे बदली
1969 में तत्कालीन सरकार द्वारा14 सबसे महत्वपूर्ण बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation Of Banks In India) किया गया.उसके बाद जैसी स्थितियां बनीं कहा जा सकता है कि भारतीय बैंकिंग सेवाओं(Indian Banking Services) की दिशा में तब एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया था.
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उद्योगपतियों की कर्ज माफी का झूठ बेनकाब करने का वक्त आ गया है!
बढ़ते हुए एनपीए (NPA) से न केवल आरबीआई (RBI) परेशान हैं बल्कि इसने वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) तक को चिंता में दाल दिया है. आज जो लोग बैंकों (Banks) का पैसा लेकर भागे हैं और बैंकों ने जिनका राइट ऑफ (Write Off) कर दिया है वीओ जान लें राइट ऑफ का मतलब कर्जे (Debts) से माफ़ कर देना नहीं है.
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Coronavirus: बैंक वालों ने तो राहत के नाम पर सबकी जेब काट ली!
कोरोना वायरस लॅाकडाउन (Coronavirus Lockdown) के दौरान सबकुछ बंद पड़ा है, निम्न तबका तो परेशानी से जूझ ही रहा है साथ ही मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लोग भी चिंतित हैं, उनकी आखिरी उम्मीद बैंक (Bank) से थी, जिसको बैंक ने अपने गणित से और परेशानियों को बढ़ा दिया है.
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