ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें

हिंदुस्तान जैसे देश में लोग फ्री का फिनायल नहीं छोड़ते, 'गुलाब जामुन' कहां ही बच पाता...
पुणे में हुई एक शादी में आए सभी मेहमान अभी अपने घर भी नहीं पहुंचे थे कि विवाद हो गया. विवाद का कारण गुलाब जामुन बना जिसके लिए शादी की केटरिंग का इंतजाम करने वाले केटर को शादी में आए मेहमानों के घूसों और लातों का सामना करना पड़ा. केटर गुलाब जामुन बचाने निकला था काश उसे इस बात का एहसास होता कि हिंदुस्तान जैसे देश में लोग फ्री का फिनायल नहीं छोड़ते वहां तो फिर भी गुलाब जामुन था.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल

धर्म और धर्म ग्रंथों के खिलाफ छिड़ी लड़ाई किस दिशा में जा रही है?
कल के माहौल और आज के में कॉमन है पॉलिटिकल हैंड. कल हैंड कम थे, आज वे मल्टीप्लाई कर गए हैं. इसीलिए माहौल ज्यादा खराब है. और सारा कुछ हो रहा है फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के नाम पर. बात न्याय प्रणाली की करें तो चीजें कूल नहीं रख पा रही हैं अदालतें!
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

पेशाब करने वाले पर धार मारने वाली दीवार लंदन ही रहे तो ठीक, यहां तो सरकार बर्बाद हो जाएगी!
पेशाब करने पर उल्टी धार मारने वाला पेंट - सड़क पर पेशाब करने वालों को सबक सिखाने के लिए जो लंदन ने किया वो वहीं रहे अच्छा है. भारत में ये इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि मोदी सरकार को इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाना होगा. अलग अलग तरह के बजट देने होंगे. मतलब पेशाब के पेंट का बजट अलग होगा. पान गुटके का अलग होगा. दीवार पर राजू लव्स सलमा का पेंट अलग होगा.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

महज कागजी न रहे बच्चों की सहभागिता का सवाल
दुनिया के अधिकतर समाजों में बच्चों की भागीदारी को लेकर गंभीरता दखने को नहीं मिलती है. न तो सरकार और न ही समाज बच्चों की आवाज को इस काबिल मानती है कि सुनी जाए. वे सोचते हैं कि बच्चे खुद से सोचने, समझने, निर्णय लेने और किसी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने लायक नहीं हैं.
सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें

फ्लाइट में को-पैसेंजर पर पेशाब से लेकर मारपीट तक, आदमी की आदत जाती है, फितरत नहीं!
आइये नजर डालते हैं बीते दिनों घटी उन घटनाओं पर जो जहाज या हवाई यात्राओं से जुड़ी हैं. जहां यात्रियों ने ऐसा बहुत कुछ कर दिया है जो इसकी तस्दीख कर देता है कि आदमी चाहे हवाई जहाज में बैठे या पानी के जहाज से किसी डेस्टिनेशन की यात्रा करे, हम भले ही उसकी आदतें बदल दें लेकिन उसकी फितरत बदल जाए ये मुश्किल प्रश्न है.
इकोनॉमी | 6-मिनट में पढ़ें

10 रु में डुबकी का पुण्य दिलाने वाला स्टार्टअप! ऐसे 10 बिजनेस दमदार तो हैं साथ ही रोचक भी
कोई भी बड़ा बिजनेस ऐसे छोटे छोटे आईडिया से ही बनता है. यूं भी आईडिया पर किसी का वश नहीं है. ये किसी को भी आ सकता है. कभी भी आ सकता है और दिलचस्प ये कि ऐसे ही छोटे छोटे आईडिया हैं जिन्होंने लोगों के दिमाग में जन्म लिया. लोग उसे अमल में लाए और फिर उनका पूरा जीवन ही बदल गया.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें