सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें
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![अद्भुत क्रिएशन है क्रिस्टोफ़र नोलन की बायोग्राफिकल 'ओपेनहाइमर' अद्भुत क्रिएशन है क्रिस्टोफ़र नोलन की बायोग्राफिकल 'ओपेनहाइमर'](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202307/oppenheimer-311_072523080827.jpg?size=200:200)
अद्भुत क्रिएशन है क्रिस्टोफ़र नोलन की बायोग्राफिकल 'ओपेनहाइमर'
चूंकि ओपेनहाइमर द्वारा गीता के श्लोक कहे जाने का कॉन्टेक्स्ट पब्लिक डोमेन में है, नोलन का क्रिएटिविटी के हवाले से यूं बदल देना नागवार सा ही गुजरता है. बेहतर होगा वे इस दृश्य को निकाल दें और इंडियन ऑडियंस के अनुरूप ही गीता का उद्धरण रखें.
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें
![आदिपुरुष अच्छी या बुरी वो अलग बात, लेकिन थियेटर में जय सियाराम का उद्घोष तो होगा आदिपुरुष अच्छी या बुरी वो अलग बात, लेकिन थियेटर में जय सियाराम का उद्घोष तो होगा](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202306/adipurush-311_061523074416.jpg?size=200:200)
आदिपुरुष अच्छी या बुरी वो अलग बात, लेकिन थियेटर में जय सियाराम का उद्घोष तो होगा
आदिपुरुष के विरोध से पहले हमें इस बात को समझना होगा कि रामलीला का मंचन जहां भी हो, कदम रुक जाते हैं, हाथ जुड़ जाते हैं और हाथ न भी जुड़ें तो आंखें ज़रूर स्टेज पर अटक जाती हैं. इसलिए पूरा यकीन है फिल्म में ऐसा बहुत कुछ होगा जो कभी भुलाया न जा सकेगा, ऐसे अनेकों मौके आयेंगे जब जय 'सिया राम' का उद्घोष होगा.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
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![Aazam Movie Review: दो गुना थ्रिल का मजा देती है जिमी शेरगिल की नई फिल्म Aazam Movie Review: दो गुना थ्रिल का मजा देती है जिमी शेरगिल की नई फिल्म](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202305/aazam-311_052623050108.jpg?size=200:200)
Aazam Movie Review: दो गुना थ्रिल का मजा देती है जिमी शेरगिल की नई फिल्म
Aazam Movie Review in Hindi: एक रात की इस कहानी में भरपूर थ्रिल है, भरपूर क्राइम और मिस्ट्री के भरपूर मसाले हैं. बिना कोई एकस्ट्रा मसाले के जब संयमित हाथों से मसाले किसी चीज़ पर बुरक छिड़क दिए जाएं तो वह देखने, दिखाने, बनाने और उसे चखने वालों पर करम जरूर करते हैं.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
![सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है! सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202305/banda-311_052423034841.jpg?size=200:200)
सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!
हकीकत में वो बंदा पीसी सोलंकी है जिसने ना सिर्फ बंदे का नाम लेकर फिल्म ने इशारा भर किया है और कहते हैं ना इशारों को अगर समझों, सो एक और इशारा हमने भी कर दिया है. समझ गए ना आसूमल वही सजायाफ्ता बदनाम कथावाचक रेपिस्ट बाबा है, जो जेल में है.
सिनेमा | बड़ा आर्टिकल
![नानेरा के जरिये राजस्थानी सिनेमा को नजर का टीका लग चुका है... नानेरा के जरिये राजस्थानी सिनेमा को नजर का टीका लग चुका है...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202305/311x175naanera_052423061209.jpg?size=200:200)
नानेरा के जरिये राजस्थानी सिनेमा को नजर का टीका लग चुका है...
फिप्रेसी की इस साल 2023 की लिस्ट में ‘नानेरा’ ने ‘कांतारा’, ‘आरआरआर’ जैसी चर्चित फिल्मों को पीछे छोड़ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. नानेरा जिस तरह की फिल्म है माना जा रहा है कि इसके जरिये लोगों को राजस्थानी संस्कृति को और करीब से समझने का मौका मिलेगा.
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