स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
सलीम पर वसीम के आरोप और कुछ नहीं बस 'सुल्तान' के प्रमोशन की मज़बूरी है, अब लोग पढ़ेंगे ही!
पाकिस्तान के पूर्व लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर वसीम अकरम अपनी बायोग्राफी सुल्तान के कारण सुर्ख़ियों में हैं. अकरम ने अपने दौर के लोकप्रिय बल्लेबाज सलीम मलिक पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं. सवाल ये है कि इतना बवाल किसलिए? सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि विश्व के हर देश में खिलाडी अपने जूनियर्स पर रौब जमाते हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या है, इन संकेतों से पहचानें
क्या वह आपको इमोशनली ब्लैकमेल करता है? क्या वह अपनी बातों से आपको मैनिपुलेट करता है? क्या वह आपकी सोचने समझने की क्षमता पर कंट्रोल करने लगा है? क्या हर बार होने वाले झगड़े की वजह आप खुद को मानने लगे हैं? क्या वह आप पर हाथ उठाता है? क्या वह आपको कंट्रोल करता है? अगर हां तो आपका रिश्ता जहरीला हो चुका है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
जब दामाद बेटी को थप्पड़ मरता है तो मांएं क्या सलाह देती आईं हैं और अब इसे क्यों बदल देना चाहिए?
मैं तुम्हें वही बातें बता सकती हूं जो मेरी मां ने मुझसे कहा था. पुरुषों को घर से बाहर जाकर बहुत सारा काम करना पड़ता है. वे हम पर गुस्सा नहीं उतारेंगे तो किस पर उतारेंगे? काम की वजह से कभी-कभी उनका मूड खराब हो जाता है. शादी के बाद यह सब सहना पड़ता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
ऑटो और कैब में लगा रियर व्यू मिरर लड़कियों के मन में दहशत ही पैदा करता है
मुंबई के एनजीओ वॉचडॉग फाउंडेशन ने सीएम एकनाथ शिंदे और राज्य के परिवहन अधिकारियों से ऑटो में लगे शीशे को हटाने की मांग की है. एनजीओ ने अपनी शिकायत में कहा है कि ऑटो में यात्रा करने के दौरान ड्राइवर महिलाओं खासकर लड़कियों को काफी देर तक घूरते हैं जिससे वे असहज महसूस करती हैं.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
मल्लिका बॉलीवुड में सफल नहीं हुईं, जिम्मेदार पितृसत्तात्मक मर्द नहीं, वो खुद हैं!
एक वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में, एक्टर मल्लिका शेरावत ने बॉलीवुड को न केवल पेट्रियारकल बताया है. बल्कि डंके की चोट पर इस बात को स्वीकार किया है कि, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बड़े पावरफुल सो कॉल्ड मर्दों के जरिये चलाया जाता है. मल्लिका के मुताबिक इसीलिए उन्हें ज्यादा काम नहीं मिला. सवाल ये है कि क्या मल्लिका सच बोल रही हैं?
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
जॉनी डेप और एम्बर हर्ड केस ने साबित किया है कि महिलाएं गलत हो सकती हैं!
सोचिए इस तरह का केस अगर भारत में होता तो क्या होता? शायद बिना फैसला आए ही लड़के को दोषी मान लिया जाता. शायद उसे और उसके रिश्तेदारों को जेल में ही सड़ना पड़ता. जब तक फैसला आता तब तक समाज के लोग उसका जीना दुश्वार कर देते. वैसे भारत की भी कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने पतियों का जीना हराम कर रखा है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें




