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Updated: 25 मई, 2022 04:33 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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पंचायत 2 (Panchayat 2) में एक ऐसा लड़का है जो रिंकी का पति तो बन नहीं पाता, लेकिन इस बहाने उसे फोन पर परेशान करना नहीं छोड़ता है. वहीं रिंकी उस मनचले को सबक सिखाकर यह साबित कर देती है कि, लड़कियों की ना का मतलब ना ही होता है.

पंचायत का सीजन 2 ओटीटी पर छाया हुआ है. लोगों ने इस सीरीज के हर किरदार को खूब पसंद किया है. वहीं इस बार रिंकी काफी चर्चा में है. अरे आप नहीं पहचाने का, अपनी प्रधान जी की बेटी रिंकी.

वही रिंकी जो पहले सीजन में पानी की टंकी पर चढ़कर चाय पीती है. जहां पहली बार उसकी मुलकात सचिव जी से होती है. इस बार पंचायत सीजन 2 में रिंकी के किरदार को शानदार तरीके से पेश किया गया है.

तो रिंकी एक ऐसी लड़की है जो कॉलेज स्कूटी चलाकर जाती है. वह घरेलू है और मॉडर्न भी. वह सादे कुर्ते और जींस में बेहद अट्रैक्टिव लगती है. सामान्य शक्ल-सूरत और लंबे बालों वाली सांवली सी रिंकी अपनी दमदार आवाज से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही है.

रिंकी के माता-पिता उसकी शादी की बात अपनी किसी पहचान वाले के बेटे से करना चाहते हैं. रिंकी की मम्मी चाहती हैं कि कैसे भी करके यह रिश्ता पक्का हो जाए. एक दिन रिंकी उस लड़के से बात करती है जिससे उसकी शादी होने की चर्चा चल रही है. उससे बात करते वक्त रिंकी की शक्ल बता देती है कि वह लड़का उसे पंसद नहीं है.

panchayat 2, Panchayat season 2, Raghubir Yadav, panchayat season 2 full episodes, panchayat 2 review in hindiपंचायत ऑफिस में रिंकी अपनी फोन वाली परेशानी लेकर पहुंचती है जहां सचिव जी उसे चाय ऑफर करते हैं वे कहते हैं कि मुझे चाय पीनी है

जब रिंकी उससे बात करती है तो हां, ना से ज्यादा कुछ बोलना नहीं चाहती है. उधर से वह लड़का रिंकी से कहता है कि  'तुम हम-हम नहीं, मैं-मैं बात करके बात किया करो...शादी के बाद तुमको दिल्ली ही आकर रहना है. रिंकी को अजीब लगता है फिर वो जैसे-तैसे हम की जगह मैं बोलने की कोशिश करती है. वह परेशान होकर फोन रख देती है. इसके बाद वह लड़का दोबारा रिंकी को फोन करता है और कहता है कि अरे रिंकी तुम तो सच में फोन रख दी, बिल्कुल Silly (नासमझ) ही हो.

यह बात जब रिंकी सरंपच जी को बताती है तो उन्हें गुस्सा आता है लेकिन मां कहती हैं कि अरे पढ़ाई के बाद दिल्ली जाकर दिल्लीवाला हो गया होगा इसलिए बोल रहा होगा, इसमें क्या हो गया?

रिंकी को उससे बात करना पसंद नहीं है फिर भी वो बार-बार फोन करके परेशान करता है. इसके बाद एक और सीन में सरपंच जी रिंकी और पत्नी के साथ रेस्ट्रों में लड़के वालों से मिलकर शादी की तारीख तय करने जाते हैं. वहीं लड़के वाले दूसरे रेस्ट्रों में पहुंच जाते हैं. सरपंच जी उनको बार-बार आने का आग्रह करते हैं और कहते हैं कि हमने एडवांस देकर 2 घंटे के लिए रेस्ट्रों बुक कर लिया है लेकिन लड़के के पिता सरपंच जी को भला-बुरा बोलते हैं और आने से मना कर देते हैं. इस तरह रिंकी की शादी तय होने से पहले ही टूट जाती है.

इसके बाद वही होता है जो कई लड़कियों के साथ होता है. शादी टूटने के बाद भी वह लड़का रिंकी को फोन करके चेप होता है. वह रिंकी को बार-बार कॉल करता है. रिंकी गुस्से में उसे कई बार फोन करने के लिए मना करती है लेकिन वह उसे मजात में लेता है. रिंकी उसे पिता को बताने की धमकी देती है, इस पर वह कहता है कि, अच्छी बात है क्योंकि मैं तो यही चाहता हूं कि उन्हें हमारे बात करने के बारे में पता चल जाए. हमारी शादी की बात फिक्स हो जाए. इसके बाद वह गुस्से में फोन काट देती है.

इसके बाद भी वह लड़का नहीं मानता है और दोबारा फोन करके रिंकी से कहता है कि हमने गाजियाबाद में फ्लैट बुक कर लिया है. रिश्ता  टूटा है तो जुट जाएगा. रिंकी को समझ नहीं आता कि इससे बचने के लिए वह क्या करे? वह नहीं चाहती कि उसके पापा इस बात से परेशान हों या गुस्सा हों.

ज्यादातर लड़कियों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है. कोई लड़का उन्हें बार-बार फोन करता है. जिसका फोन देखते ही वे डर जाती हैं. वह उसे ब्लॉक करती हैं तो वह दूसरे नंबर से फोन करता है और उनके मेंटली रूप से टॉर्चर करता है. वह लड़का उनका पूर्व प्रेमी, एक तरफा प्रेमी, पूर्व पति, होने वाला पति, पड़ोसी, रिश्तेदार, दोस्त, टूटे हुआ रिश्ता वाला लड़का, जान पहचान वाला, दुकान वाला या फिर अजनबी हो सकता है. जिसके नाम भर से वे डर जाती हैं. वह उन्हें ब्लैकमेल कर सकता है, गंदी-अश्लील बातें कर सकता है, बदनाम करने की बात कर सकता है, किसी को नुकसान पहुंचाने की बात कर सकता है, उन्हें डरा सकता है या फिर उन्हें ट्रोल कर सकता है.

वे इस बारे में किसी को बताने से डरती हैं. उन्हें लगता है कि अगर वे किसी को बताएंगी तो लोग उनपर ही शक करेंगे. उन्हें ही गलत समझा जाएगा. रिंकी भी उस लड़के से कहती है कि हम आपसे बात नहीं करना चाहते हैं, फोन करना बंद कर दीजिए. इसके बाद वह फोन कट करके, नंबर डिलीट कर देती है. उसे ब्लॉक कर देती है लेकिन फिर वह दूसरे नंबर से फोन करता है. वह पुलिस के पास तो नहीं जाती लेकिन अपनी बात शेयर करने के लिए वह सचिव जी के पास पंचायत ऑफिस पहुंचती है.

वह अपनी बात बताते हुए कहती है कि इस प्रॉब्लम को सॉल्व करिए. इसके बाद दोनों चाय पीते हैं और सचिव जी दिमाग लगाते हुए खुद ही पुलिस वाला बनकर लड़के की क्लास लगाते हैं. वह लड़का अपनी शादी और रिश्ते की दुहाई देकर बचना चाहता, आखिरकार वह हार मान कर सॉरी बोलती है. औऱ इस तरह उस चिपकू से रिंकी का पीछा छूटता है.

मेरे हिसाब से ऐसे मामलों में लड़कियों को सबसे पहले अपने परिवार को बता देना चाहिए और फिर पुलिस से शिकायत करनी चाहिए. वरना बात आगे बढ़ जाएगी और ऐसे मनचलों की हिम्मत बढ़ती जाएगी.

असल में कुछ लड़के ऐसे होते हैं जो यह अपना नहीं पाते कि लड़की ने उन्हें ना कह दिया है. लड़की कैसे हमें ठुकरा सकती हैं जैसे वो कहीं के तुर्रम खां हों. वे लड़कियों की ना हो हां समझते हैं. लड़कियां कितना भी मन करें वो चेप होने लगते हैं और लड़की को परेशान करने लगते हैं. ऐसे लड़के काश पंचायत 2 से कुछ सबक ले सकें...

पंचायत में रिंकी और सचिव जी का यह सीन आपका दिन बना देगा-

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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