समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
क्या दिवाली की सफाई सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है, उनका हर त्योहार काम करने में क्यों बीते?
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं का त्योहार घर के काम करने और रसोई में खाना पकाने में बीत जाता है. घर के सारे लोग त्योहार एंजॉय करते हैं और औरतें सज-धज कर रसोई में काम करती रहती हैं. क्या उनके लिए त्योहार का मतलब सिर्फ काम है?
इकोनॉमी | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
एक व्यक्ति आखिर कितना सोना रख सकता है, क्या ऐसी कोई सीमा तय की गई है?
दिवाली का समय है ऐसे में हम लोग सोना तो खरीदेंगे ही. हमारे देश में दिवाली या धनतेरस पर थोड़ा ही सही लेकिन सोना खरीदने का रिवाज है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आता होगा कि क्या एक व्यक्ति के पास कितना सोना होना चाहिए? तो चलिए आज इस लेख में आपको सोना खरीदेने और इसके कर के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
इकोनॉमी | 5-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
संस्कृति | 3-मिनट में पढ़ें
संस्कृति | 4-मिनट में पढ़ें





