New

होम -> इकोनॉमी

 |  एक अलग नज़रिया  |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 27 अक्टूबर, 2021 08:43 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
  • Total Shares

दिवाली (Diwali 2021) का समय है ऐसे में हम लोग सोना तो खरीदेंगे ही. हमारे देश में दिवाली या धनतेरस पर थोड़ा ही सही लेकिन सोना खरीदने का रिवाज है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आता होगा कि क्या एक व्यक्ति के पास कितना सोना होना चाहिए? उसमें भी विवाहित और अविवाहित महिलाओं और पुरुषों को कितना सोना रखने का अधिकार है. तो चलिए आज इस लेख में आपको सोना खरीदेने और इसके कर के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.

क्या सोना खरीदने की कोई सीमा है?

इसका सीधा जवाब है नहीं. भारत में पहले गोल्ड (Gold Price) कंट्रोल एक्ट, 1968 था जो नागरिकों को तय की गई मात्रा से अधिक सोना रखने से रोकता था. हालांकि, इसे जून 1990 में समाप्त कर दिया गया था. अब भारत में सोना रखने की मात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन अधिक सोना रखने के लिए आयकर विभाग ने कुछ दिशा निर्देश दिए हैं.

Gold, CBDT, gold jewellery, Gold Price, Gold Rateभारतीय घरों में सोना खरीदने और रखने की परंपरा सदियों पुरानी है

हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बुरा भी लग सकता है कि हमें सोना खरीदने से क्यों रोका जा रहा है, यह तो हमारी परंपरा है. एक तरह से यह मुसीबत में काम आने कीमती वस्तु है जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करना चाहते. हमारे घरों में तो सोना गुम होना और बेचना बहुत ही खराब माना जाता है. ना ही हम सोने को कहीं लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं. यह तो एक आशीर्वाद के रूप में बस हमारे पास होनी चाहिए. आपको बता दें कि आपको सोना खरीदने से कोई रोक नहीं रहा, बस कुछ नियम हैं जिनका आपको पालन करना पड़ेगा.

भारतीय घरों में सोना खरीदने और रखने की परंपरा सदियों पुरानी है. लोग शादी-विवाह में बेटी और बहू को उपहार के रूप में सोना के गहनें देते है. सोना को इसलिए महिलाओं का स्त्री धन भी कहा जाता है. महिलाएं अपने इस स्त्री धन को जल्दी बाहर निकालना भी नहीं चाहतीं, किसी को देना तो बहुत दूर की बात है. यह पीढ़ी दर पीढ़़ी से चला आ रहा है. मां और सास अपने गहनें अपनी बहू या बेटी को देती हैं और यह परंपरा आज भी बरकरार है. तीज त्योहार, शादी, विवाह, अक्षय, तृतीया पर सोना खरीदना हमारे देश में शुभ माना जाता है. सोना कोई अपने पैसे से खरीदता है तो किसी को उपहार के रूप में मिलता है.

दरअसल, इस बात की कोई सीमा नहीं है कि किसी के पास कितने सोने के आभूषण या गहने हो सकते हैं, लेकिन विवादों से बचने और एकरूपता रखने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 11-05-1994 को अपने अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किया था.

जिसके अनुसार आयकर अधिकारी किसी भी विवाहित महिला के 500 ग्राम तक के सोने के गहने जब्त नहीं करेंगे. वहीं अविवाहित महिला के लिए यही सीमा 250 ग्राम है लेकिन पुरुष चाहें विवाहित हों या अविवाहित, उनके लिए 100 ग्राम की निचली सीमा तय की है. यानी इतना सोना रखने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आयकर अधिकारी आपका सोना जब्त नहीं कर सकते.

भले ही भले ही आपकी आय और समाजिक स्थिति इतनी अधिक सोने के आभूषण और गहने रखने की गारंटी न दे. इस बात का ध्यान रखें कि इस निर्देश में केवल परिवार के आभूषण ही शामिल हैं. इसलिए गैर-पारिवारिक सदस्यों से संबंधित आभूषण को जब्त किया जा सकता है और मात्रा के बावजूद ले जाया जा सकता है.

वैसे तय की गई सीमा के अधिक सोना रखने पर भी चिंता वाली बात नहीं है. वो गहने में भी अधिकारी ना ले जाएंगे ना ही जब्त करेंगे बशर्ते आपको इसके स्रोत का प्रमाण देना होगा. साधारण भाषा में कहें तो आपने वह सोना कहां से खरीदा या किसने विरासत उपहार के रूप में दिया इसका लेखा-जेखा, काजग-पतरी संभाल कर रखना होगा.

इसलिए सोना खरीदें तो उसका बिल आपने पास जरूर रखें. मान लीजिए तय की गई सीमा से अधिक जो गहने हैं अगर वो विरासत में मिलने का दावा किया गया है तो आपके पास कुछ ऐसे दस्तावेज होने चाहिए जो इस बात को साबित कर सकें. वह दस्तावेज एक वसीयत के रूप में हो सकता है. जो विधिवत रूप से संपत्ति कर रिटर्न या मृतक व्यक्ति के आयकर रिटर्न द्वारा समर्थित हो. इसी तरह उपहार में मिलने वाले आभूषण का भी कोई ठोस सबूत होना चाहिए.

आप जो आभूषण खरीदते हैं उसके बारे में भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस आपको बाताना होगा कि आपने यह गहनें अपने पैसे से कैसे खरीदे. इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ही खरीदें, आप नकद भी खऱीद सकते हैं लेकिन सबूत के लिए निकासी का प्रमाण चाहिए कि ये गहनें टैक्स पेड पैसे से खरीदा गया.

इसलिए गहनों की खरीदारी, लेन-देन, आदान-प्रदान, पुराने गहनों को बदलकर नए गहनों लेने आदि की सभी रसीद सुरक्षित रखें.इस बात का ध्यान रखें कि ये नियम सिर्फ सोने के आभूषणों पर ही लागू होता है, न कि किसी अन्य रूप में सोने या हीरे के आभूषण, कीमती पत्थरों आदि जैसे अन्य प्रकृति आभूषणों पर.

इसलिए अधिकारी किसी भी सोने के सिक्के, सोने की छड़ और गैर-सोने के आभूषणों को जब्त कर सकते हैं. भले ही इनका वजन तय सीमा के भीतर हो, आप साक्ष्य देकर ही इन गहनों का बचा सकते हैं.

असल में लोगों को लुभाने का काम शेयर बाजार और मार्केटिंग वालों का है इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है. वैसे आज भी ज्यादातर महिलाओं को म्यूचल फंड और शेयर मार्केट में रुचि नहीं है, उनके पास जब पैसे होते हैं तो वे सोना खरीदने में ही अपना भलाई समझती हैं. असल में उन्हें सोने से कोई मुनाफा नहीं कमाना बस अपने पास संप्पति के रूप में सहेज कर रखना है. तो बस फिर इन नियमों का पालन करें और बेफ्रिक होकर सोना खरीदें.

#सोना, #आभूषण, #चांदी, Gold, CBDT, Gold Jewellery

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय