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Updated: 05 नवम्बर, 2018 12:28 PM
प्रवीण मिश्रा
प्रवीण मिश्रा
  @PraveenMishraAstrologer
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दिवाली के आने की आहट हम सब को रोमांचित कर देती है, सब अपने स्तर पर तैयारी करते हैं कि इस बार दिवाली कैसे अच्छे से मनाया जाए. दिवाली के ठीक दो दिन पहले धनतेरस का पर्व हर साल मनाया जाता है. हर त्योहार के पीछे कुछ संस्कार और संस्कृति छुपी हुई है जो हमारे जीवन को खुशहाल बनाने का रास्ता दिखाती है.

लेकिन बदलते जमाने के साथ वो चीजें जैसे लुप्त सी हो रही हैं. आजकल धनतेरस के दिन लोग घर से ज्यादा बाजार में समय बिताते हैं. पूरा बाजार ग्राहकों से भरा होता है. सोना, चांदी, गाड़ी, बर्तन और ना जाने क्या-क्या लोग धनतेरस के दिन खरीद कर घर लाना चाहते हैं. धनतेरस के दिन बाजार से कुछ ना कुछ खरीदना हर किसी का लक्ष्य होता है.

Diwali, dhanterasधनतेरस के दिन बाजार ग्राहकों से अटा पड़ा होता है

मान्यताएं

माना जाने लगा है कि धनतेरस के दिन जो चीज खरीदी जाती है वो कई गुना बढ़ जाती है. धनतेरस के दिन खरीदारी करना बहुत शुभ होता है. इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. कुछ लोग धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति भी खरीदते हैं. बाजारवाद के इस दौर में धनतेरस बस यहीं तक सीमित हो गया है. इसलिए धनतेरस के असली महत्व को समझने की जरूरत है.

धनतेरस का वास्ता- सबसे बड़े 'धन' यानी सेहत से है

इस संसार में हर इंसान के लिए सबसे बड़ा धन है उसका स्वास्थ्य. यदि आप स्वस्थ होंगे, आपकी सेहत ठीक होगी तो दुनिया के सारे सुख, वैभव, धन-दौलत आप हासिल कर सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन देवताओं के डॉक्टर भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि समुद्र-मंथन के समय भगवान धन्वंतरि संसार के सभी रोगों को दूर करने की औषधि से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है.

Diwali, dhanterasभगवान धनवंतरि के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है धनतेरस

कैसे पाएं सबसे बड़ा धन

आज के जमाने में आप धनतेरस के दिन आपका इलाज करने या ख्याल रखने के लिए अपने डॉक्टर को धन्यवाद दे सकते हैं. पूरे सालभर आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे इसके लिए धनतेरस के दिन गरीबों को दवाइयों का दान करना चाहिए. दान में बहुत शक्ति होती है. आप चाहें तो गरीबों को ऐसी दवाइयां बांट सकते हैं जो अक्सर हम सब इस्तेमाल करते हैं. जैसे सिर दर्द, बदन दर्द में इस्तेमाल किए जाने वाले बाम. ऐसा माना जाता है हम जो दान करते हैं उसका प्रतिफल हमें इसी जन्म में प्राप्त होता है. दवाईयों का दान करने से हमें अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिल सकता है. जो सभी धनों में श्रेष्ठ है.

भय से मुक्ति दिला सकता है धनतेरस

हम सब को किसी ना किसी प्रकार का भय होता है. अकाल मृत्यु के भय से, मुक्ति के लिए सभी प्रकार के डर से छुटकारा पाने के लिए धनतेरस के दिन यमराज को प्रसन्न करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि यमराज और देवी यमुना दोनों सूर्य की संतान हैं. दोनों भाई बहन में बहुत प्रेम है. इसलिए यदि धनतेरस के दिन यमुना में स्नान किया जाए और दीपदान किया जाए तो यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाते हैं. साथ ही हर तरह का डर दूर होता है. यदि कोई यमुना तट पर जा कर स्नान नहीं कर सकता है तो स्नान करते समय यमुना जी का स्मरण कर ले तो भी यमराज प्रसन्न हो जाते हैं.

लंबी आयु पाने के लिए, परिवार में खुशहाली के लिए धनतेरस को शाम के समय घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक कटोरे में कोई भी अन्न, गेहूं, चावल रख कर दक्षिण दिशा की ओर चार मुख वाला दीपक जलाएं. अंधकार, भय का प्रतीक है और प्रकाश, निर्भय का प्रतीक. इसलिए अपने मुख्य द्वार पर अंधेरा ना रखें. साफ-सफाई रखें और चार मुख वाला दीपक जलाएंगे तो पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी. और परिवार के लोगों को भी अच्छा लगेगा. परिवार की खुशी, एकजुटता, हमें हर भय से लड़ने की शक्ति देती है.

लक्ष्मी जी को सोना नहीं, चांदी पसंद है

Diwali, dhanterasलक्ष्मी जी की पसंद चांदी है

धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी का पूजन करें. ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी जी को चांदी या चांदी जैसे रंग की चीजें पसंद हैं. तो आप ऐसे रंग की चीजें जिनमें बर्तन भी शामिल हैं, खरीद कर घर ला सकते हैं और पूजन में उनका प्रयोग कर सकते हैं. चांदी का संबंध चंद्रमा से भी होता है. चंद्रमा मन का कारक है. यानी जीवन में संतोष रखना भी बहुत बड़ा धन है. संतोष का भाव हमारे सुख को बढ़ा सकता है. परिवार में सुख बढ़ेगा तो ये भी धन ही है. इसलिए संतोष रूपी धन पाने के लिए भी मां लक्ष्मी से प्रार्थना करनी चाहिए.

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लेखक

प्रवीण मिश्रा प्रवीण मिश्रा @praveenmishraastrologer

लेखक ज्योतिषाचार्य हैं.

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