संस्कृति | 4-मिनट में पढ़ें

Diwali 2022 : जिंदगी की मोनोटॉनी तोड़ता प्यारा और खूबसूरत सा त्योहार!
धनतेरस पर धनवंतरी को छोड़कर हर कोई कुबेर के पीछे भागता है और तनिष्क हो या पीपी ज्वेलर्स सभी महीने भर पहले से ही आप को धनतेरस की याद दिलाने लगते हैं. इस दिवाली कुछ मीठा हो जाए अपनों को दीजिए कैडबरी का तोहफा! क्यों जी हमारी सोन पापड़ी पर बने मीम और चॉकलेट के साथ बनाओ टीम ! ये अच्छी बात नहीं हैं!
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

इस फेस्टिव सीजन के बीच 'सोन पापड़ी' का दर्द समझना भी जरूरी है
आमतौर पर किसी तीज-त्योहार में अपने किसी रिश्तेदार या करीबी के यहां जाने पर कुछ मीठा ले जाने की परंपरा शायद कई सदियों से चली आ रही है. लेकिन, इस परंपरा की आड़ में एक मिठाई के साथ जो दुर्व्यवहार हो रहा है, वो कहीं से भी सही नहीं कहा जा सकता है. हम बात कर रहे हैं सोन पापड़ी (Soan Papdi) से लेकर पतीसा तक कही जाने वाली मिठाई की.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें

बीमार मां के बच्चे की चोरी, जिस पर फैसला सुनाकर जज भी रो पड़े
मजबूरी बहुत बड़ी बात होती है साहब, उससे भी बड़ी मुसीबत होती है पेट की भूख.पहली कहानी अमेरिका के फ्लोरिडा के एक किशोर की है तो दूसरे भारत के बिहार की. दोनों में जो कॉमन है वो है भूख, गरीबी, बीमार मां और उनके दर्द की संवेदनशीलता को समझने वाले जज.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

यूपी पंचायत चुनाव: जलेबी, समोसा और रसगुल्ला जब्त करना एक गहरी साजिश है
इस चुनाव में प्रत्याशी जलेबी, रसगुल्ला जैसी तमाम मिठाईयों के साथ समोसा बांटकर जैसे-तैसे अपने वोट पक्के कर रहे हैं. लेकिन, उत्तर प्रदेश पुलिस सारा मजा ही खराब करे दे रही है. बीते 15 दिनों में 200 किलो जलेबी, एक कुंटल रसगुल्ला और 1100 समोसे बरामद करने की कम से कम 20 खबरें आ चुकी हैं.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें

लोकपथ से राजपथ तक हर तरफ बस गणतंत्र है!
देश का संविधान 72 वर्ष का हो गया. बचपन के दिनों में स्कूल से हाथ में लड्डू लेकर लौटते वक्त बस यही ख़्याल होता था कि 26 जनवरी का बाकी दिन अब Independence Day की तरह मनेगा. यानि दिनभर खेलकूद और दोस्तों के साथ जी भर कर उधम मचाना है. जैसे अभी Farmer Protest के तहत Delhi में उधम मचा है.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें

यूरिया वाला दूध पीने, इंजेक्शन वाली सब्जी खाने वाले मसाले में 'गधे की लीद' पर क्या बात करें!
यूपी के हाथरस में गधे की लीद वाले मसाले से अचरज तब नहीं होना चाहिए जब हमने दूध, खोए, मिठाई के नाम पर यूरिया से लेकर चूने तक बहुत कुछ खाया हो. बाक़ी विवाद की बड़ी वजह मसाले की फैक्ट्री के मालिक का हिंदू युवा वाहिनी का मेम्बर होना है. आगे जनता समझदार है.
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