समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें

कोर्ट ने महिला को दो महीने तक सेनेटरी पैड बांटने का दिया आदेश, सजा के साथ सबक मिल गया
दिल्ली हाई कोर्ट ने रंगदारी और जबरन वसूली करने की आरोपी महिला पर चल रहे मुकदमे को इस शर्त के साथ खत्म कर दिया कि, वह दो महीने तक कक्षा 6 से 12वीं तक ही कम से कम 100 स्कूली छात्राओं को मुफ्त में सेनेटरी पैड बांटेगी.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

परिवार बचाना सिर्फ स्त्री की ज़िम्मेदारी है, बिस्तर पर पति की जबर्दस्ती सहना भी शामिल है!
अब इसे ही विडंबना कहें या कुछ और, समाज हर बार पुरुष की शरीरिक ज़रूरतों को औरत की इच्छा, पर तरजीह देता है. शौहर को मजाजी खुदा (ईश्वर समान) मानते हुए उसकी हर इच्छा का मान रखने, हर तरह से 'खुश रखने' की कंडीशनिंग करवाता है.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Marital Rape का मुद्दा 'पिंक मूवी' जैसा ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है
अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू की फिल्म पिंक में कसेंट (सहमति) के बिना सेक्स करने का मुद्दा बखूबी उभारा गया है. साबित भी हुआ कि ऐसा करना अपराध है. लेकिन, जब पति-पत्नी के बीच बिना सहमति के सेक्स (marital rape) का मामला आता है, तो जज करना उतना आसान नहीं होता है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
सोशल मीडिया | 3-मिनट में पढ़ें

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रंप का हवाला देकर क्यों खींचे ट्विटर के 'कान'?
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इस मामले आरोप में ट्विटर इंडिया (Twitter) और एक अन्य संगठन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था. दरअसल, इस मामले में एथिस्ट रिपब्लिक नाम के एक ट्विटर हैंडल पर देवी काली को लेकर आपत्तिजनक कॉन्टेंट शेयर करने का आरोप लगा था.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

खुर्शीद की 'अयोध्या' पर बवाल के बीच बातें बैन हुईं 10 किताबों की...
अयोध्या पर लिखी किताब को बैन किये जाने की याचिका को खारिज कर कोर्ट ने सलमान खुर्शीद को बड़ी राहत दे दी है. ऐसे में हमारे लिए उन किताबों पर बात कर लेना भी बहुत जरूरी है जिन्होंने अपने दौर में न केवल कंटेंट के कारण सुर्खियां बटोरीं बल्कि जिन्हें भारत में प्रतिबंधित किया गया.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

संतान का सरनेम पिता का ही क्यों? यह सवाल समाज के लिए झटका है!
यहां तो शादी के बाद महिलाओं का ही सरनेम (Surname) बदल जाता है तो फिर किसी बच्चे को उसकी मां का उपनाम कैसे मिलेगा? जब भी कुछ लोग बच्चे के नाम के साथ मां का उपनाम लगाने की बात करते हैं तो समाज को एक जोर का झटका लगता है. लोग इसे अपने मुंह पर लगे तमाचे जैसा समझते हैं और बौखला जाते हैं.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
