सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
यूपी का आरिफ बेवजह बलि का बकरा बना, असली हंटर तो सारस है...
सारस का बार बार आरिफ के घर आना और उसके साथ रहना स्वतः इस बात की पुष्टि कर देता है कि दोष किसी भी एंगल से आरिफ का है ही नहीं। दोस्ती के नाम पर सारस ने उसके साथ धोखा किया और उसे ठगा. क्या सारस अब इस बात का जवाब दे पाएगा कि उसने फॉरेस्ट डिपाटमेंट को धोखे में रखकर आरिफ की लंका किस रणनीति के तहत लगाई?
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
संस्कृति | 6-मिनट में पढ़ें
बिना 'कौए' के श्राद्ध? कव्वों पर बात होनी चाहिए मामला गंभीर है...
माना यही जाता रहा है कि कौए आएंगे, खाना चुगेंगे और पितरों तक पहुंचाएंगे. पर, अब कौवे नहीं आते, ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी दिखते हैं लेकिन शहरों से कौवे नहीं दिखाई देते. श्राद्ध पक्षों से कौवों का सीधा संबंध होता है. पौराणिक मान्यताओं में यह बात सिद्व है कि श्राद्धों में जो व्यंजन बनाए जाते हैं उन्हें पितरों तक पहुंचाने का काम कौए ही करते हैं.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
Bird Flu की आड़ में पक्षियों की सामूहिक हत्या 'जलियांवाला बाग़ कांड' से कम नहीं!
Coronavirus के बाद Bird Flu के इस दौर में जब बीमारी को लेकर एक नई तरह के डर का माहौल हो जो खबर Kanpur Zoo से आ रही है और उसमें जैसे पक्षियों को मारने की बात की गयी है उसे देखकर बस 'जलियां वाला बाग़' और जनरल डायर नजर आते हैं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
Bird flu: चिकन या अंडे खाने वालों के लिये कितना खतरे की बात
पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी में यूरोप से कई प्रवासी पक्षी भारत की ओर रुख करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है- H5N1 जंगली पक्षियों के कारण फैलता है. वो इसे अपने मल के जरिए फैलाते हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो, यह वायरस काफी घातक होता है. यह पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है लेकिन, इसकी संभावना कम ही है.
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
Bulbul का गम और परेशान हम !
Bulbul ने आपका क्या बिगाड़ा है? चक्रवात जैसी बदमाश टाइप आपदा को सांभा कहें, गब्बर कहें, भूत, हौआ, ठांय-ठांय कहें. नासपीटा कहें, घनचक्कर कहें. अजी, कोई भी खराब-सा नाम चुन लें, पर प्लीज Cyclone Bulbul न कहें. किसी प्यारे पक्षी को बदनामी का मुकुट पहनाना बिल्कुल अच्छी बात नहीं है.
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संस्कृति | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | 6-मिनट में पढ़ें






