सियासत | बड़ा आर्टिकल

अखिलेश यादव इस बार डिंपल के साथ मिल कर शिवपाल के साथ खेल खेल रहे हैं
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को किनारे लगाने के काफी बाद यूपी चुनाव से ऐन पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने पाले में मिला लिया. अब डिंपल यादव (Dimple Yadav) को केंद्र में रख कर वैसी ही राजनीति हो रही है - क्या चाचा-भतीजा फिर वैसा ही करने वाले हैं?
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चाहे सुफियान का हो या प्रिंस का एनकाउंटर, योगी आदित्यनाथ ने बता दिया अपराधी सिर्फ अपराधी है!
लखनऊ में गर्लफ्रेंड की धक्का देकर हत्या करने वाले सुफियान के एनकाउंटर पर आहत और 'मुस्लिमों के नाम पर सीएम योगी को कोसते लोग आजमगढ़ हो लें और प्रिंस यादव से मिल लें. यूपी में अपराधियों के तहत सरकार हिंदू मुस्लिम नहीं कर रही. संदेश साफ़ है कि अपराधी सिर्फ अपराधी है.
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शिवपाल के आशीर्वाद से लैस डिंपल के सामने बीजेपी अब भी कोई चुनौती है क्या?
मैनपुरी उपचुनाव ने साल भर के भीतर ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का रिश्ता बदल दिया है - असर ये हुआ है कि डिंपल यादव (Dimple Yadav) के सामने बीजेपी की तरफ से मिल रही चुनौती न के बराबर नजर आने लगी है.
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गुजरात में ओवैसी का रोल वैसा ही होगा, जैसी भूमिका यूपी चुनाव में मायावती की रही
ओपिनियन पोल में भले ही गुजरात के मुस्लिम वोटर पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का कोई प्रभाव न नजर आये, लेकिन विधानसभा चुनावों (Gujarat Election 2022) में उनकी भूमिका यूपी चुनाव 2022 में मायावती (Mayawati) जैसी ही देखने को मिल सकती है - गोपालगंज उपचुनाव लेटेस्ट मिसाल है.
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सीएम योगी से मिलने पहुंचे निरहुआ ने आम्रपाली दुबे का पॉलिटिकल करियर भी सेट करा दिया है!
निरहुआ और आम्रपाली दुबे की बॉन्डिंग किसी से छिपी नहीं थी. ऐसे में जिस तरह उन्होंने आजमगढ़ जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की और जिस तरह वहां आम्रपाली दुबे भी मौजूद रहीं साफ़ है कि अब आम्रपाली का भी पॉलिटिकल करियर निरहुआ ने सेट करा दिया है.
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अखिलेश यादव के लिए आजमगढ़ और आजम के गढ़ में बीजेपी की जीत खतरे की घंटी है
आजमगढ़ में निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) की जीत अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए बहुत बड़ा राजनीतिक अलार्म है, लेकिन रामपुर में आजम खान (Azam Khan) की हार से राहत ही मिली होगी - और एक बार फिर साफ हो गया है कि बीजेपी के लिए मायावती कितनी अहम हैं?
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