सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
अंगकिता लड़की है, श्रीनिवास से लड़ रही है, लेकिन राहुल-प्रियंका का रवैया विचलित करता है
कांग्रेस पुनः विवादों में है. वजह बना है वो विवाद जो आईवाईसी अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, सचिव प्रभारी वर्धन यादवऔर अंगकिता दत्ता के बीच गहराया है. अंगकिता ने श्रीनिवास और वर्धन यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और मामले पर सबसे ज्यादा विचलित वो चुप्पी करती है जो महिला हितों की बात करने वाली प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने साध रखी है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
15 साल की इस लड़की के गर्भवती होने का दर्द महसूस कीजिए, शादी की उम्र पर बहस बंद हो जाएगी
15 साल की मुस्लिम लड़की की शादी हो गई. जिस उम्र में उसे खुद मां की जरूरत थी, वह गर्भवती हो गई. ससुराल वालों ने दवा खिलाकर बच्चा गिराने की कोशिश की. उसे गर्म तवे, बिजली के तार और स्क्रू ड्राइवर से मारा गया और घर से बाहर निकाल दिया गया.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
उस लड़की की कहानी जिसे शादी के बाद घर की चारदीवारी में घुटन होती है...
लड़की ने मायके वालों को अपनी पूरी कहानी बताई...वो कहते हैं बेटा तुम्हें ही संभालना होगा, हम क्या कर सकते हैं? तुम्हारी शादी हो गई है तुम्हें ससुराल वालों के हिसाब से रहना होगा. मेरा इस घर में दम घुटता है समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं?
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें
डार्लिंग्स देख पत्नियों को कोसने वाले समझें, औरतें पति के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठातीं
डार्लिंग्स (Darlings) फिल्म में बदरु पर पति हमजा का खौफ हावी रहता है. तभी तो हमजा के खाए हुए निवाले में जरा सा कंकड़ आने पर वह अपना हाथ उसके मुंह के सामने कर देती है, जिस पर वह मुंह में खाया हुआ खाना उगल देता है. इस बात की गहराई को सताई हुई पत्नी ही समझ सकती है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
ससुराल में प्रताड़ना सही, तलाक के लिए लड़ी, और अब संघर्ष करके यह मां IAS बन गई
घरेलू हिंसा का शिकार हुईं शिवांगी गोयल ने महिलाओं से कहा है कि, ससुराल में अगर तुम्हारे साथ कुछ गलत हो रहा है तो चुप मत रहना. उसका विरोध करना. तुम कुछ भी कर सकती हो. तुम अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हो. तुम चाहो तो मेरी तरह IAS भी बन सकती हो. तुम्हारा भविष्य बेहतर होगा.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
'मरना नहीं चाहते पर शोषण से अच्छी हमारी मौत है', तीन बहनों की सिसकियां हमने न सुनीं...
ससुराल में 90 बीघा जमीन थी. तीनों के पति पढे-लिखे नहीं थे. वे 8वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ चुके थे. तीनों बाई जेसीबी चलाते हैं और खेती करते हैं. जबकि तीनों बहनें होनहार थीं. वे पढ़ाई में तेज थीं और आगे नौकरी करना चाहती थीं. जबकि पति उन्हें खेतों में काम करते देखना चाहते थे. वे आए दिन शराब पीकर पत्नियों से मारपीट करते थे.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें


