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Updated: 01 जून, 2022 04:30 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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यूपीएससी (UPSC 2021) की परीक्षा पास करने वाली शिवांगी गोयल (Shivangi Goyal) के माता-पिता की तरह अगर हर मां-बाप अपनी बेटियों को शादी के बाद पराया न करें. उनकी परवाह करें, उनसे कहें कि बेटी तुम जब चाहो लौट सकती हो. यह तुम्हारा घर है, जिसके दरवाजे तुम्हारे लिए हमेशा खुले हैं. तो कोई भी लड़की जिंदगी में हार नहीं मानेगी. 

शिंवागी गोयल आज उन महिलाओं को प्रेरणा दे रही हैं जो अपनी जिंदगी में दर्द के दंश को झेल रही हैं. वे महिलाएं जिन्हें लगता है कि अब सब खत्म हो चुका है. वे महिलाएं जो सोचती हैं कि वे अब कुछ नहीं कर सकती.

वे महिलाएं जो अकेले बच्चों को पाल रही हैं. वे महिलाएं जो तलाक के लिए लड़ रही हैं. वे महिलाएं जो लाख तकलीफ सहते हुए भी ससुराल के खिलाफ चूं तक नहीं कहतीं हैं.

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हापुड़ की रहने वाली शिवांगी गोयल की शादी हुई. हर लड़की की तरह वे भी आंखों में सपने सजाए अपने ससुराल गईं. शिवांगी ने पूरी कोशिश की होगी कि वे अपने ससुराल वालों का दिल जीत सकें. उन्हें अपना बना सकें. उसे क्या पता था कि ससुराल के लोगों को प्यार नहीं पैसा चाहिए. वे दहेज के लिए शिवांगी के साथ कलेश करने लगे. हर बात शिवांगी को तंग किया जाने लगा. जो लड़की बचपन से आईएएस बनने का सपना देखती थी उसने रसोई को अपनी जिंदगी बना ली.

कुछ सालों बाद जब एक प्यारी बेटी हुई तो शिवांगी को लग कि अब शायद सब ठीक हो जाएगा, क्योंकि लोग तो यही सलाह देते हैं कि एक बच्चा कर लो तो बिगड़ी बात संभल जाती है. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, ससुराल में शिवांगी के हालात दिन प्रतिदिन बदतर होते गए. वह मन की मन अपने सपने को याद करती रहती और कुढ़ती रहती. उसने अपने सपनों का पीछा करना कभी छोड़ा ही नहीं था.

उसने पहले भी 2 बार UPSC के लिए कोशिश की थी, लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाई थी. उसके साथ घरेलू हिंसा बढ़ने लगा. इसके बाद शिवांगी के माता-पिता उसके ससुराल पहुंचे और उसे अपने साथ घर ले आए. माता-पिता ने बेटी का साथ दिया. जिसके बाद शिवांगी ने इसके बाद कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे दी. कोर्ट में अभी भी वह तलाक की लड़ाई लड़ रही है.

पिता ने कहा कि जो करना चाहती हो करो, यह तुम्हारा ही घर है

माता-पिता की यह बात सुनकर शिवांगी को हिम्मत मिली. उसने सोचा कि वह अपनी जिंदगी को और खुद को दूसरा मौका देगी. वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करेगी. वह फिर से IAS बनने की कोशिश करेगी और अपने माता-पिता और बेटी को गर्व महसूस करवाएगी. वह अपने ससुराल वालों को दिखाएगी कि जिसका तुमने दहेज के लिए उत्पीड़न किया, काश उसका साथ देते तो वह अफसर बनकर तुम्हारी सारी ख्वाहिशों को पूरा करती.

शिवांगी के माता-पिता और बेटी ने साथ दिया. उसने जी तोड़ मेहनत की और UPSC में 177वां रैंक हासिल कर लिया. इस तरह शिवांगी का IAS बनने का सपना पूरा हो गया. अब लोग शिवांगी की मिसाल दे रहे हैं, उस पर गर्व कर रहे हैं. हालांकि जब उसके तलाक की खबर लोगों को मिली थी तो उनका रिएक्शन अलग ही था. शिवांगी ने उस हर इंसान को गलत साबित कर दिया जो कहता था शादी टूटने वाली लड़की की जिंदगी बर्बाद हो जाती है.

काश हर मां-बाप शिवांगी के माता-पिता की तरह सोचते

शादी के बाद अगर लड़की ससुराल छोड़कर मायके में एक महीने से अधिक रह जाए तो वह अपने ही हैं कि उसी में कुछ घरवालों को बोझ लगने लगती है. मोहल्ले वाले भी बातें बनाने लगते हैं. समाज वाले ताने कसते हैं. लोग लड़की को ही दोष देतेखोट है तभी तो ससुराल वाले रख नहीं रहे हैं. पति की बात नहीं मानती होगी तभी तो मायका पहुंचा दिया.

लड़की के मां-बाप भी समाज के डर से अपनी बेटी का साथ नहीं देते. जब भी लड़की अपने ससुराल में हो रहे प्रताड़ना की बात करती है तो उसे प्यार से समझा बुझाकर, समझौता कराकर ससुराल भेज देते हैं. उनके लिए लड़की भले ही ससुराल में मर जाए, लेकिन उसका तलाक तो नहीं होना चाहिए, वरना लोग क्या कहेंगे.

इस मामले में शिवांगी के माता-पिता की दाद देनी चाहिए. जिन्होंने दुनिया की परवाह न करेके अपनी बेटी के बारे में सोचा. तानों को अनदेखा करके अपनी बेटी को चुना, उससे यह एहसास करवाया कि शादी होने से बेटी पराई नहीं हो जाती. बेटी की खुशी के आगे सब भुला दिया और उसके सपनों को अपना बना लिया. शिवांगी के पिता कारोबारी हैं और माता गृहिणी हैं. बेटी रैना अभी सिर्फ 7 साल की है. यही छोटी बेटी अपनी मां की ताकत बनी.

UPSC की परीक्षा पास करने के बाद शिवांगी ने क्या कहा-

शिवांगी ने कहा कि वे स्कूल के समय से ही पढ़ाई में काफी तेज थीं. उस वक्त उनकी प्रिंसिपल ने उन्हें IAS बनने के लिए प्रेरित किया था. तभी से मेरे मन में यह सपना पल रहा था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मेरा एडमिशन हो गया था. मैंने पढ़ाई पूरी करने के बाद दो बार UPSC की परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद मेरी शादी हो गई और सब बदल गया. मुझे ससुराल में प्रताड़ित किया गया. हालांकि मैंने फिर से कोशिश की. अब मैं बहुत खुश हूं कि मेरा भविष्य सुनहरा हो गया.

मैं समाज की महिलाओं से यह कहना चाहती हूं कि जो दर्द मैंने झेला है वो तुम मत सहना. अगर ससुराल में तुम्हारे साथ कुछ गलत हो रहा है तो चुप मत रहना. उसका विरोध करना. जैसा मैंने किया. तुम कुछ भी कर सकती हो. तुम अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हो. तुम चाहो तो मेरी तरह IAS भी बन सकती हो. तुम्हारा भविष्य भी मेरी तरह बेहतर होगा.

शिवांगी ने छोटी बच्ची की देखभाल की. समाजशास्त्र विषय लिया, सेल्फ स्टडी की और उनके लिए जवाब बन गईं जो यह कहते थे कि तलाक लेने वाली महिला और सिंगल मदर कहीं की नहीं रहतीं. दुनिया की हर मां, बेटी को बधाई, शिवांगी तुमने सच में कर दिखाया, शाबाश!

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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