सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें
इंटरनेट बाजार है जहां यूजर्स के कुंडे और ताले खुल गए हैं अब धोखा भी होगा और लूटा भी जाएगा!
दुनिया के डिजिटल हो जाने का फायदा भले ही हुआ हो लेकिन ऐसे तमाम लोग हैं जो इसका कोप भोग रहे हैं. शायद ही कोई दिन बीतता हो जब ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले न सामने आते हों. कह सकते हैं कि जब रोज तकनीक अपने को अपग्रेड कर रही है तो फिर हम क्यों नहीं.
सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें
होली पर Boycott तो होना ही था, खाने को छोड़कर हर मुद्दे पर बात कर रहा है Swiggy!
Swiggy जब आया तो महसूस हुआ कि अब घर बैठे ही लोगों को क्वालिटी फ़ूड मुनासिब कीमतों पर मिलेगा। शुरू- शुरू में ऐसा हुआ लेकिन अब वैसे हालात नहीं हैं. अब Swiggy ने खाने से ध्यान हटा लिया है और हर मुद्दे पर बात कर रहा है फिर चाहे वो दिवाली और होली ही क्यों न हो.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
NaMo App Kiosk: तकनीक को राजनीति से मिलाना भाजपा का नेक्स्ट लेवल है!
NaMo App के तहत माइक्रोसाइट पर एक ऐसा मॉड्यूल खड़ा किया गया जो इंटरेस्टिंग है. जिसमें इंटरेक्शन है और जो इंफॉर्मेशन एवं इनोवेशन से युक्त हैं.ये ऐसा App है जिसे हम बिना ईमेल या फोन नंबर डाले भी डाउनलोड कर सकते हैं. NaMo App दुनिया भर में किसी भी राजनेता के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे लोकप्रिय App है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
Sulli Deals: पौरुष और अहंकार दिखाने के लिए हमेशा ही शिकार बनी है स्त्री!
सुल्ली-डील्स को लेकर आज भले ही समाज दो वर्गों में बंट गया हो लेकिन हमें आश्चर्य में इसलिए भी नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि अपनी दंभी मानसिकता से ग्रसित पुरुष सदियों से ऐसा करता चला आया है. कुल मिलाकर उसे अपना खोखला पौरुष दिखाने और अहंकार दिखाने का बहाना चाहिए.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें
मोदी सरकार के नियम लागू हुए तो पर्मानेंट ही बंद हो जाएंगे फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम
भला हो ट्विटर का जिसने लोगों को इस कठिन समय में ऑक्सीजन उपलब्ध कराई. वरना लोगों को तो व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक मैसेंजर डाउन होने के बाद से सांस ही नहीं आ रही थी. वैसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने वाले ट्विटर का हाल भी इन दिनों डॉक्टर कफील खान जैसा ही हैं.
इकोनॉमी | 4-मिनट में पढ़ें
चीनी मोबाइल के बिक्री आंकड़ों ने मोदी सरकार की कार्रवाई की हवा निकाल दी!
चीन ने सीमा सहमतियों का उल्लंघन भी किया है. तो इसका राष्ट्रीय जवाब हो सकता है लेकिन इसके लिए आर्थिक गतिविधियों को औजार बनाना क्या काउंटर प्रोडक्टिव नहीं है? चीनी स्मार्टफोन भारत के बाजार में ज्यादा बिके तो इसकी वजह साफ है कि मार्केट डायनामिक्स में चीनी कंपनियों ने बाजी मारी.
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ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें




