सोशल मीडिया | 5-मिनट में पढ़ें
बजरंग पुनिया Vs बजरंग दल: आना सरकार की नजरों में था लेकिन फिर दांव उल्टा पड़ गया!
WFI chief और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर धरने पर बैठे, पहलवान बजरंग पुनिया अपनी एक इंस्टाग्राम स्टोरी के कारण सुर्ख़ियों में हैं. स्टोरी पर जैसा रुख आलोचकों का है उन्होंने पुनिया को दोगले से लेकर धोखेबाज तक सब कुछ बता दिया है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
जंतर मंतर पर समर्थकों द्वारा पहलवानों पर बात उतनी ही है जितना दाल में नमक होता है!
पहलवान बनाम ब्रज भूषण शरण सिंह : खासी दिलचस्प है धरनास्थल की हकीकत. यूं तो धरने पर पहलवानों को समर्थन देने के लिए शाहीनबाग की दादी से लेकर किसानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, छात्रों, वकीलों और खाप नेताओं का जमावड़ा है. लेकिन इनसे पहलवानों को कितना बल मिलेगा अभी इस बारे में कुछ कहना शायद जल्दबाजी ही होगा.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
हंगामा है क्यों बरपा? हनुमान जी की मूर्ति के आगे लड़कियों ने बॉडी बिल्डिंग ही तो की है!
आपकी सोच यदि लड़कियों के कपड़ों से ऊपर नहीं उठती, तो याद रखिए। आप गिरे-पड़े ही हैं. वस्त्र इंसानों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से बनाए हैं. ओलंपिक हो या स्वीमिंग या जिमनास्टिक या फिर बाडी बिल्डिंग सभी में कपड़े कम ही पहने जाते हैं. लेकिन यदि आपको सिर्फ स्त्रियों के कपड़े अखरते हैं तो आपकी आंख में ही कुछ काला है. जिसके कारण आपको दुनिया काली नजर आती है.
सोशल मीडिया | 5-मिनट में पढ़ें
The Great Khali याद रखें सोशल मीडिया के कमोड काल में सेल्फी ही टॉइलेट पेपर है!
WWE के पूर्व चैम्पियन द ग्रेट खली सुर्ख़ियों में हैं. खली का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वो एक टोल प्लाजा पर वहां के कर्मचारियों से लड़ रहे हैं. और वजह सेल्फी है.बतौर सेलिब्रिटी खली याद रखें कि सोशल मीडिया के कमोड काल में सेल्फी ही टॉइलेट पेपर है. इसलिए अगर कोई ले रहा है तो उससे क्या ही गुरेज करना.
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
विनेश फोगाट, सोनम मलिक और दिव्या को माफ़ी देकर 'WFI' ने कोई एहसान नहीं किया
आखिर वही हुआ जिसका अंदाजा था रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को अपनी भूल का एहसास हो गया और उसने विनेश फोगाट, सोनम मलिक, दिव्या काकरान को 'माफी' दे ही थी. ऐसे में सवाल ये है कि बेमतलब की बात में उलझाकर क्या WFI ने सिर्फ अपनी फजीहत नहीं कराई है?
स्पोर्ट्स | 6-मिनट में पढ़ें
WFI की अंदरुनी राजनीति की भेंट चढ़ गई बजरंग, रवि और विनेश फोगाट की कुश्ती!
रवि दहिया, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट के मद्देनजर WFI की तरफ से कुछ अहम बातें की गयीं हैं. नश्तर सी चुभने वाली इन बातों के बाद मान लिया जाना चाहिए कि आंतरिक राजनीति का शिकार हो गए हैं भारत को टोक्यो ओलंपिक में पदक दिलाने वाले रवि दहिया. साथ ही मुसीबत में पड़ सकते हैं बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट.
स्पोर्ट्स | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें
Tokyo Olympic में 'विलेन' करार दी गईं विनेश फोगाट की भी अपनी कहानी है…
'ऐसा लग रहा है कि मैं सपने में सो रही हूं. पिछले एक हफ्ते से मेरे अंदर काफी कुछ चल रहा है. मैं एकदम खाली महसूस कर रही हूं.' वो कहती हैं कि मुझे नहीं पता कि मेरी जिंदगी में क्या हो रहा है. मैंने कुश्ती को सब कुछ दिया है. एक पदक हारते ही लोगों ने मुझे निर्जीव समझ लिया.
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
रेसलर-क्रिमिनल नेक्सस में फंसे सुशील कुमार, कुख्यात गैंगस्टर्स के संपर्क में कैसे आए?
पहलवानों और अपराधियों के बीच सांठगांठ कोई नई बात नहीं है. रेसलिंग करियर खत्म होने या उसमें असफल होने के बाद बहुत से पहलवान या तो बाउंसर बन जाते हैं या फिर गैंगस्टर्स के लिए काम करना शुरू कर देते हैं. अखाड़े में नाकाम ऐसे पहलवानों का इस्तेमाल कई राजनीतिक दल भी करती हैं.
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