समाज | 5-मिनट में पढ़ें

किसानों की कैसे हो कुदरत के कहर से बर्बाद हुई फसल की भरपाई?
बीते लगातार कुछ वर्षों से बेमौसम बारिश ने समूचे देश में कहर बरपाया हुआ है. बेमौसम बारिश तभी होती है, जब किसानों की फसलें खेतों में अधकची लहलहाती होती हैं. लगता है खेतीबाड़ी को किसी की नजर लग गई. क्योंकि फसलें खेतों में जब पककर खड़ी होती है. तभी, कुदरत का रौद्र रूप उन्हें उजाड़ देता है.
इकोनॉमी | 4-मिनट में पढ़ें

कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
जलवायु परिवर्तन के कारण एक ही समय में कई देशों में कॉफी का वैश्विक उत्पादन खतरे में है. इसके पीछे की वजह जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग को बताया जा रहा है. कहा ये भी जा रहा है कि आने वाले वक़्त में कॉफी आम आदमी की पहुंच से दूर और काफी महंगी हो सकती है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें

तो क्या अब नेपाली एविएशन को है रिफॉर्म की जरूरत?
नेपाल में मात्र एक त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टैंडर्ड क्वालिटी का है. बीते कुछ वर्षों में वहां एविएशन क्षेत्र ने आधुनिक तकनीकों में जरूर थोड़ा बदलाव किया है. पर, उसका सही से क्रियांवयन नहीं किया गया. पोखरा विमान हादसा उसी का नतीजा है. इस घटना के बाद नेपाल विमानन नेटवर्क को सतर्क हो जाना चाहिए. घटना के संभावित पहलुओं को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करना चाहिए.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

जोशीमठ के लोगों का दर्द महसूस कर कलेजा फट जाएगा, घर बनाने में एक उम्र खपानी पड़ती है
घर बनाने में सिर्फ पैसा लगता है क्या? घर बनाने में इंसान झोंक देता है अपनी जवानी. अपनी जिंदगी भर की कमाई. घर सिर्फ मकान नहीं होता, घर होता है पूर्वजों की निशानी. बच्चों का भविष्य. घर सिर्फ सीमेंट, बालू, ईंट नहीं होता. घर होता है बच्चे का पहला रूंदन. घर से आंगन में गाए जाते हैं ब्याह के गीत. पहली बार उतरती है किसी की डोली. उसी घर से होती है जिंदगी के सफर की अंतिम विदाई और उठती है अर्थी...
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

जानिए आपको दूसरों से अधिक ठंड क्यों लगती है?
कई बार ऐसा होता है कि हमारे आस-पास के लोग टीशर्ट में घूम रहे होते हैं औऱ हमें जैकेट में भी सर्दी लगती है. कई बार तो हमने लोगों को कहते भी सुना होगा कि यार मुझे की इतनी कपकपी क्यों लग रही है? इसके उलट किसी को ठंड नहीं लगती और वे सर्दी को एंजॉय करते हैं. चलिए बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें

ज़रा-सी बारिश और दिल्ली का बावर्ची बन खाने पर अत्याचार करना अलग किस्म का गुनाह है!
दिल्ली में बारिश का होना भर था. वो पब्लिक जो बीते कई दिन से भीषण गर्मी की मार झेल रही थी बड़ी राहत महसूस कर रही है. ऐसे में जैसे ही हम सोशल मीडिया का रुख करते हैं तो वहां एक अलग ही तरह का नजारा है और हर आदमी शेफ बना हुआ है जो कई तरह की अतरंगी डिशेज के अविष्कार में अपनी ऊर्जा खंपा रहा है.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें

क्या आपका घिसा हुआ साबुन भी नहाते समय छिटक कर गिर जाता है?
आम आदमी की जिंदगी में कितने लोचा पेंचा है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. एक घिसे साबुन सी जिंदगी मजबूरियों से नहा धोकर हर हाल में मुस्कुराती है और मस्त रहती है. यह आलेख रोजमर्रा की जिंदगी की छोटी सी घटना के बहाने जीवन के विभिन्न पहलुओं को टटोलती है और उसकी जीवंतता को रेखांकित करती है.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
