समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
देखो भैया ई बजट में क्या हुआ, आपको समझ आ जाए तो हम जैसों को समझा देना!
मुन्ना भाई एमबीबीएस में एक डायलॉग है, तू समझ ले मुझे बाद में सीखा देना. यही हाल बजट समझने वाले हमारे जैसे कुछ लोगों का है. इस फिल्म एक सीन में जब टीचर दूसरें बच्चों के साथ मुन्ना को पढ़ा रहा होता है तो उसे सिलेबस का कुछ भी समझ नहीं आता है. सबकुछ उसके सिर के ऊपर से निकल जाता है. दिमाग में कुछ घुसता नहीं है. यह बजट भी आम लोगों के लिए ऐसा ही है.
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
इकोनॉमी | 5-मिनट में पढ़ें
सर्विस चार्ज पर लगाम कसने वाला CCPA जान ले क्या होगा होटल-रेस्त्रां का Plan-B?
लगातार ग्राहकों से शिकायतें मिलने के बाद CCPA ने बड़ा फैसला किया है अब होटल या रेस्त्रां में ग्राहकों को सर्विस चार्ज नहीं देना होगा. शिकायत के लिए एक हेल्पलाइन बनाई गयी है जहां ग्राहक अपनी शिकायत कर सकते हैं. चूंकि चाहे वो होटल हों या रेस्त्रां ये बेहद शातिर हैं तो कहीं न कहीं इनका भी प्लान बी बनकर तैयार है.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
Samrat Prithviraj : फिल्में टैक्स फ्री करने की अमर सियासी संस्कृति...
सरकारों का आबकारी और मनोरंजन विभाग सबसे अधिक टैक्स वसूलता है. जब कोई फिल्म टैक्स फ्री हो जाती है तो उसे देखने वालों की संख्या दो गुनी से अधिक हो जाती है. जिससे कि उस फिल्म के कलाकारों और निर्माता-निदेशक को लाभ मिलता है. जिस पार्टी की सरकार मनोरंजन कर-मुक्त करने का लाभ देती है वहीं पार्टी इन कलाकारों से अहसान का बदला एहसान से लेती है.
इकोनॉमी | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
एक व्यक्ति आखिर कितना सोना रख सकता है, क्या ऐसी कोई सीमा तय की गई है?
दिवाली का समय है ऐसे में हम लोग सोना तो खरीदेंगे ही. हमारे देश में दिवाली या धनतेरस पर थोड़ा ही सही लेकिन सोना खरीदने का रिवाज है. ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आता होगा कि क्या एक व्यक्ति के पास कितना सोना होना चाहिए? तो चलिए आज इस लेख में आपको सोना खरीदेने और इसके कर के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
नोटों की गड्डी को देखकर मनी हाइस्ट और नोटबंदी की याद ना आ जाए तो कहना!
भले ही इस तस्वीर को देखकर आपको मनी हाइस्ट और नोटबंदी के काले धन की याद आ गई हो लेकिन यह हैदराबाद की एक फ़ार्मास्युटिकल कंपनी का एक सीन है. क्या आप बता सकते हैं कि यह कितने रूपए होंगे? असल में आयकर विभाग को इस आलमारी से लगभग करोड़ों रुपये कैश मिले हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
सोनू सूद को गलत कहना आसान क्यों नही हैं? मसीहा तो आखिर मसीहा ही होता है!
आप बताइए जिस मसीहे को लोग पूजते हों उस पर टैक्स चोरी का इल्जाम लगाने से आप क्या उम्मीद करते हैं? लोगों की आखिर क्या प्रतिक्रिया मिलेगी? कुछ लोगों ने सोनू सूद के लिए अपने मन में देवता सी छवि बना ली है. लोगों का कहना है कि अगर सोनू सूद गलत हैं तो गलत ही सही...
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें




