सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

'अल्पसंख्यकवाद' से मुक्ति पर विचार किया जाना चाहिए!
देश के संविधान में 'अल्पसंख्यक' शब्द की परिकल्पना धार्मिक, भाषाई एवं सांस्कृतिक रूप से भिन्न वर्गों के लिए की गई है. यह दुखद है कि कांग्रेस द्वारा इसका उपयोग अपने स्वार्थ के लिए किया गया, ताकि उसका वोट बैंक बना रहे. कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम- 1992 बनाया गया.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

ब्रैम्पटन में खालिस्तान बनाने के लिए प्रदर्शन, कनाडा ने जो बोया वही काट रहा है
कनाडा (Canada) में भारत-विरोधी (Anti-India) खालिस्तानी संगठनों (Khalistani Organization) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पोषित किया जा रहा है. लेकिन, 'खालिस्तानियों' के मंसूबे भारत में पूरे नहीं हुए तो उन्होंने कनाडा में खालिस्तान बनाना शुरू कर दिया. कनाडा की सरकार से पूछा जाना चाहिए, कैसी रही?
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

'Laal Singh Chaddha में सिख और भारतीय सेना दोनों के साथ 'मंदबुद्धि' जैसा बर्ताव हुआ है'
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मोंटी पनेसर का मानना है कि, आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को बनाते समय भारतीय सेना और सिखों के भावनात्मक पहलू पर ध्यान नहीं दिया गया. यह हॉलीवुड मूवी फॉरेस्ट गंप का फूहड़ रूपांतरण है.
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का प्रभार सिर्फ मुसलमानों को दिए जाने का सिलसिला टूटा!
2006 में यूपीए सरकार द्वारा गठित हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय (Minority Affairs Ministry) का प्रभार स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को दिया गया है. तब से अब तक 5 मुसलमानों (Muslim) को इस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन, मोदी सरकार (Modi Government) ने इस बार जैसे ही ये 'परंपरा' तोड़ी, मानो कई लोगों को सेक्युलरिज्म टूटता दिखाई दिया.
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें

कुणाल कामरा के 'Deleted Tweets' से समझिए असली 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता'...
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) जानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Expression) कहां खत्म होती है? हिंदू धर्म (Hidnu) के देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने में रिस्क नहीं है. इस्लाम (Islam) और मुस्लिमों (Muslim) का मजाक बनाया, तो जान का खतरा पैदा हो सकता है.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा एक निश्चित गति से आगे बढ़ रही है
बादल परिवार अपने राजनीतिक करियर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचते हुए पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) में सिंगल डिजिट में सिमट चुके हैं. जो दिखाता है कि सिख बहुल प्रदेश (Sikh-majority state) में सिखों के बीच अलग खालिस्तान (Khalistan) का राजनीतिक विचार धीमे से ही सही, लेकिन एक निश्चित गति से आगे बढ़ रहा है.
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
