सियासत | बड़ा आर्टिकल
प्रहसन ही है सियासत तो संसद कैसे अछूता रह सकता है?
अडानी की ग्रोथ जर्नी मोदी काल में शानदार रही लेकिन ग्रोथ की एकमेव वजह मोदी काल ही नहीं है. कहावत है एक हद के बाद पैसा ही पैसे को खींचता है. अडानी ने वो हद 2014 के पूर्व यूपीए काल में ही प्राप्त कर ली थी. अडानी ने तौर तरीक़े ग़लत अपनाये, अनियमितता की, मेनीप्युलेट भी किया लेकिन ये सब तब तक क़यास ही रहेंगे जब तक जांच होकर सिद्ध नहीं हो जाते.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें
बैंक वालों तुम्हारी हड़ताल में देश तुम्हारे साथ होता, मोदी 'हाय-हाय' करता लेकिन...
प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में नौ यूनियनों के कंबाइंड संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन ने दो दिनों की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का ऐलान किया है. इस मुश्किल वक़्त में देश का आम आदमी बैंक वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहता है. नरेंद्र मोदी हां-हाय के नारे लगाना चाहता है मगर ऐसा नहीं हो पाया है और इसका कारण बैंक और उसके कर्मचारी हैं.
इकोनॉमी | 4-मिनट में पढ़ें
बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 50 साल, जानिए भारतीय बैंकिंग की तस्वीर कैसे बदली
1969 में तत्कालीन सरकार द्वारा14 सबसे महत्वपूर्ण बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation Of Banks In India) किया गया.उसके बाद जैसी स्थितियां बनीं कहा जा सकता है कि भारतीय बैंकिंग सेवाओं(Indian Banking Services) की दिशा में तब एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया था.
इकोनॉमी | 6-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
Yes Bank crisis पर हुई राजनीति ने तो सरकार का दबाव कम कर दिया!
यस बैंक संकट (Yes Bank Crisis) को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच 'कीचड़ उछालो' राजनीति जारी है. लेकिन सवाल ये उठता है प्रभु नरेंद्र मोदी जी, सभी निजी-प्राइवेट बैंकों की कुंडली सरकार के पास होती है तो ये आखिरी वक्त की सर्जिकल स्ट्राइक क्यों? वो भी आम जनता के तनाव की कीमत पर.
इकोनॉमी | 3-मिनट में पढ़ें
Yes Bank crisis: प्राण सुखाने वाले सवाल, कुछ राहत देने वाले जवाब
Yes Bank crisis की वजह से RBI ने उस पर लेन-देन को लेकर पाबंदी लगा दी हैं. खाताधारकों और निवेशकों में अफरा-तफरी का माहौल है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी खाताधारक का पैसा नहीं डूबेगा. लेकिन, कई सवालों के जवाब आने बाकी हैं...
इकोनॉमी | 5-मिनट में पढ़ें
SBI Fixed deposit rates का घटना सीनियर सिटिजन्स और घरेलू बचत पर संकट की घड़ी है
SBI Fixed Deposit Interest Rates के पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि ये दरें लगातार घटी हैं और अब घटते-घटते बहुत कम हो चुकी हैं. वैसे दरें तो सबके लिए घटी हैं, लेकिन बुजुर्गों के इससे अधिक दिक्कत होगी.
इकोनॉमी | 2-मिनट में पढ़ें
इकोनॉमी | 3-मिनट में पढ़ें








