समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
कुछ बहुएं घरवालों के हिसाब से ये गलती करती हैं और उनकी नजरों में बुरी बन जाती हैं
बहू को पता है कि अगर वह घर नहीं संभाल पाई तो उसे ही दोष दिया जाएगा. उसी की गलती निकाली जाएगी. इसलिए वह घरवालों का ख्याल रखने में दिन रात एक कर देती है. वह सबके हां में हां मिलाती है. घर का पूरा का काम करती है. यहां तक की घरवालों के हिसाब से अपना पहनावा, खान-पान, रहन-सहन सब बदल देती है. कुछ घरवाले बहू के इतना करने के बाद भी खुश नहीं रहते हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
चाहे जो भी हो एक मां को ये 10 बातें अपनी बेटी को नहीं सिखानी चाहिए
जमाना बदल रहा है इसलिए मांओं को भी अपनी सोच बदलनी होगी. आपकी बेटी बाहर जाती है, दोस्तों से मिलती है, कॉलेज जाती है...उसकी भी अपनी एक सोच है, अपना एक नजरिया है. ऐसे अगर आप उससे वही घिसी पिटी पुरानी बातें कहेंगी तो वह आपसे दूर होती जाएगी.
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स्वरा भास्कर के आंसू 'नकली' बताने वाले आखिर क्या दलील देना चाहते हैं?
स्वरा भास्कर की शादी उनकी मर्जी से हुई है. वे अपने नियम खुद बनाती हैं. वे पहले से भी घर से दूर ही रहती थीं. विदाई के टाइम पर इमोशनल होना अलग बात है और इस तरह स्वरा का रोना अलग. वे कौन सा शादी करके पराई हो गई हैं. उनकी लाइफ आम लड़कियों से काफी अलग है. उन्हें किसी बात की मनाही नही है जबकि आम लड़कियों को शादी के बाद माता-पिता से मिलने के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है. कहने का मतलब यह है कि जिन बातों के कारण लड़की विदाई के समय रोती हैं वो स्वरा के मामले में नहीं दिखता है...
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
गांव की उस औरत की कहानी जो पति के परदेश जाने के बाद घर में अकेली रहती है
जब शादी करके आई थी तो भरा-पूरा परिवार था. फिर धीरे-धीरे सब शहरों की ओर रूख कर गए. पति को पैसे कमाने थे तो वह मना भी कैसे करती? कुछ साल बाद सास और फिर ससुर जी भी गुजर गए. बच्चे पढ़ाई करने शहर चले गए. हां घरवालों ने उसे एक सादा फोन जरूर दे दिया था जिस पर घंटी आ सकती है. किसी ने उसे फोन रिसीव करना तो सिखा दिया लेकिन फोन मिलाना उसे अभी भी नहीं आता, वह अनपढ़ जो है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

