ह्यूमर | बड़ा आर्टिकल

मोदी को अब शाहरुख खान ही चैलेंज कर सकते हैं, राहुल-अखिलेशों से ना हो पाएगा
अखिलेश यादव ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के लिए वह चेहरा खोज लिया है- पिछले नौ साल से टॉर्च की रोशनी में जिसे खोजा जा रहा था. ये चेहरा है शाहरुख खान का. थकाऊ यात्रा के बाद यह चीज राहुल के लिए निराशाजनक हो सकती है, मगर देश में सकारात्मकता लाने के प्रयास में जुटे लोगों के लिए पठान की कामयाबी बहुत बड़ी बात है.
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भूखे भेड़िए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को नोच खाएंगे, भारत कुछ करता क्यों नहीं?
लगता है भारत ने बांग्लादेश की घटना से कोई सबक नहीं लिया है. पाकिस्तान में सरेआम मनुष्यता की हत्याएं की जा रही हैं, भारत की संप्रभुता पर चोट पहुंचाने की तैयारी है मगर वीर बहादुर भारत की सरकार का यूं चुप रहना हैरान करने वाला है.
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BBC डॉक्युमेंट्री से अडानी तक, राहुल के करीबी एंटनी ने ही बताया- भारत विरोधी विचार की जगह नहीं अब
बीबीसी की डॉक्युमेंट्री से लेकर गौतम अडानी प्रकरण तक कांग्रेस जैसी पार्टियों के अंदर से जिस तरह का स्टेटमेंट निकलकर आ रहा है, वह साफ़ कर देता है कि असल में फिलहाल का माहौल हिंदू पुनर्जागरण नहीं बल्कि भारत के पुनर्जागरण की घोषणा है. यह कैसे भारत का पुनर्जागरण है, आइए समझते हैं.
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मंदिर भी बना और क्रूज भी चल रहा है- बस अब 'लेफ्ट लंपट' पुजारी बने तो लोग गंगा नहा लें!
दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा गंगा विलास अपने पड़ाव की तरफ बढ़ रही है. तमाम लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. उन लोगों को भी काशी के वैभव की चिंता ने सताया जो सार्वजनिक रूप से ज्ञानवापी को तोड़े जाने का समर्थन करते रहे. उन्होंने वहां अय्याशी तक के आरोप लगाए. आइए जानते हैं क्रूज से असल दर्द की वजह क्या है?
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सुनील शेट्टी पहले यह बताएं- बॉलीवुड के एक प्रतिशत में ड्रगिस्ट कौन-कौन हैं?
पठान के पक्ष में संकेतों में माहौल बनाने वाले सुनील शेट्टी ने बॉलीवुड की बर्बादी का ठीकरा खराब काम की बजाए राजनीति पर फोड़ा है. मगर बातों बातों में उन्होंने कन्फर्म कर दिया कि समूचा तो नहीं मगर बॉलीवुड में एक प्रतिशत लोग ड्रग लेते हैं. लेकिन दिनभर नहीं लेते हैं.
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जिस नेता की संसद में मौजूदगी राष्ट्रीय औसत से नीचे हो, कम से कम वह माइक बंद करने का आरोप ना लगाए!
संसद में राहुल गांधी की मौजूदगी हमेशा राष्ट्रीय औसत से घटिया रही है. वे कभी कभार आते भी हैं तो पूरा वक्त नहीं देते और सवाल पूछकर निकल जाते हैं. भला उन्हें साहस कैसे हुए कि लोकसभा में माइक बंद करने का आरोप लगाए. भला उनके नेता अखिलेश-मायावती को डरपोक कैसे कह सकते हैं. सिर्फ भाई-बहन का प्यार दिखाने से पीएम की कुर्सी नहीं मिलती. भारत बदल चुका है राहुल जी.
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