समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

उस माता-पिता की कहानी, जिन्होंने बेटे के मुंडन के लिए अपना सिर भी मुंडवा लिया
सिर मुंडवाने वाली मां लिखती हैं कि, मैंने अपना सिर 2021 में मुंडवाया था जब मेरा बेटा रुद्रांश 11 महीने का था. मेरे पति, संतोष और मैं रुद्र के मुंडन के लिए तिरुपति मंदिर में थे. संतोष और मैंने गंजा होने का फैसला किया ताकि हमारे बेटे को अजीब न लगे. पढ़िए पूरी कहानी...
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समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

बच्चों की परवरिश में खप जाने वाले 'सिंगल पेरेंट्स' के अपने सपनों का क्या?
बच्चों को पालने वाले चाहें एकल पुरुष हो या महिला, उनकी पहली प्राथमिकता बच्चा ही होता है. वे कुछ भी करने से पहले अपने बच्चे के बारे में सोचते हैं. उनकी दिनचर्या भी बच्चे के हिसाब से फिक्स हो जाती है. एक तरह से उनकी जिंदगी सिर्फ बच्चे के इर्द-गिर्द ही घूमती है. उनका अपना कुछ नहीं रह जाता है.
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लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियां 8 बातों का ध्यान रखेंगी तो पछताना नहीं पड़ेगा!
लड़की अपने पार्टनर के साथ शायद इस सोच को लेकर आगे बढ़ती है कि, आने वाले कुछ दिनों में दोनों शादी कर लेंगे, उनके बच्चे होंगे और एक खुशहाल परिवार होगा. कुछ लड़कियों को उनकी मंजिल मिल भी जाती है मगर कई लड़कियों को धोखा मिलता है.
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बच्चों को पढ़ाई के प्रेशर कुकर पर खुद मां-बाप ही चढ़ाते हैं
तीन साल की छोटी सी उम्र से ही प्ले स्कूल में एडमिशन के साथ माता-पिता (Parents) खुद ही बच्चे (Children) पर पढ़ाई का बोझ डाल देते हैं. स्कूल से मिले होमवर्क (Homework) में हिंदी-इंग्लिश की कविता, अक्षर से लेकर रंगों तक के ज्ञान का उन पर एक अतिरिक्त बोझ डाल दिया जाता है. जबकि, ये चीजें बच्चा (Kid) आसानी से बिना किसी दबाव के घर पर भी सीख सकता है.
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