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Updated: 03 जून, 2022 01:11 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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गुजरात (Gujarat) के वडोदरा की रहने वाली क्षमा बिंदु को दुल्हन तो बनना है, लेकिन शादी नहीं करनी है. उसे विवाह का शगुन चढ़वाना है, हल्दी-मेहंदी लगवानी है, लेकिन किसी और के नाम की नहीं, अपने नाम की. 24 साल की क्षमा प्राइवेट फर्म में काम करती है. वह अपने आप से इतना प्यार करती है कि वह 11 जून को खुद से ही गोत्री मंदिर में शादी करने वाली है. खुद के लिए उसने 5 कसमें भी लिखी हैं.

मतलब, शादी के लिए बारात आएगी, स्टेज बनेगा, मंडप सजेगा... लेकिन दूल्हा नहीं होगा. वह खुद को वरमाला पहनाएगी, अकेले फेरे लेगी, खुद का कन्यादान करेगी, अपनी मांग में खुद ही सिंदूर भरेगी, खुद को ही मंगलसूत्र पहनाएगी और शादी के बाद अकेले ही हनीमून पर गोवा निकल जाएगी. 

वह शायद खुद का कन्यादान भी कर ले, लेकिन बात यह है कि ऐसा करने से उसे मिलेगा क्या? शायद लोगों के बीच फेम और ढेर सारे फॉलोर्स. हमें खुद को स्वीकार करने के लिए तो यह सब करने की जरूरत है?

650_060222074852.jpgशादी के बाद अगर खुद से नहीं बनी तो क्षमा बिंदु क्या करेगी?

महिलाएं दुनिया के लिए कितना मायने रखती हैं, इस पर दुनिया को ध्यान दिलाने के लिए क्या कोई और तरीका नहीं बचा है. शायद यह विदेशी अमीरों के चोचले हैं. जब अकेले ही रहना था तो खुद से शादी करने के नाम पर फालतू पैसे खर्च करने की क्या जरूरत थी? कुछ लोग इसे ड्रामेबाजी भी कह सकते हैं.

शादी का मतलब सिर्फ शॉपिंग करना और सजना संवरना नहीं होता है. क्षमा अपने लिए लाल जोड़ा, चूड़ा, कलीरें, मेकअप और जूलरी खरीद रही है. वह अपनी शादी के लिए हर छोटी बात का ध्यान रख रही है. मैंचिग के बैग और जूती भी ले लेंगी, पार्लर भी बुक कर लेंगी लेकिन प्योर दुल्हन वाली फीलिंग कहां से लाएगी? जब इतना करना ही था तो शादी करने में क्या बुराई है. माने शादी करनी है तो करो, नहीं करनी है तो मत करो...लेकिन खुद से शादी करनी है? 

माता-पिता को मनाना कौन सी बड़ी बात है?

क्षमा का कहना है कि मेरे माता-पिता खुले विचारों वाले हैं और उन्हें इस शादी से कोई दिक्कत नहीं है. असल में इस पिता को अपने बेटी के अकेले रहने से कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. उन्होंने उसके ऊपर किसी से शादी करने का जोर नहीं दिया होगा. जब बेटी ने इस तरह की शादी की बात की होगी तो वे बेटी की खुशी के लिए तैयार हो गए होंगे.

माता-पिता जब बच्चों की हर जिद मानते हैं तो फिर एक और सही. वैसे भी क्या वे मना कर देते तो क्षमा मान जाती? दुनियाभर में तो सेल्फ-मैरिज का चलन बड़ गया था बस अपना देश ही बचा था. माने खुदे से रिश्ता ऐसा नहीं निभाया जा सकता, इसके लिए पहले खुद से विवाह करना पड़ता है. और तो और कई टूरिज्म वाले इसका पैकेज भी देने लगे हैं. 

बुरा तो पड़ोसियों और रिश्तेदारों को जरूर लगा होगा. बेचारे कन्फ्यूज हो गए होंगे कि शादी में गिफ्ट क्या दें और क्या आशीर्वाद दें. सदा सुहागन रहो बोलना शोभा देगा कि नहीं? फिर उन्होंने सोचा होगा हमें क्या, जाएंगे पकवान खाएंगे और आ जाएंगे. हम देखें कि खुद से शादी कैसे की जाती है?

भाई, सेल्फ लव का ऐसा उदाहरण तो हमने आजतक नहीं देखा. आत्ममुग्ध होना, माई लाइफ मेरी च्वाइस का मतलब कम से कम यह तो नहीं होता है. हम जिंदगी अपनी मर्जी से जी सकते हैं, लेकिन इसके लिए खुद से शादी करने की तो जरूरत नहीं है. जो लड़कियां शादी ही नहीं करना चाहतीं हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं, कम से कम वे इस तरह की चोचलेबाजी तो नहीं करती हैं.

खुद से की गई शादी नहीं निभी तो, क्या खुद से तलाक ले लेंगी?

एक बात और है शादी के बाद अगर खुद से नहीं बनी तो क्या करेंगी? भविष्य में कई हमसफर टकरा गया तो क्या खुद तो तलाक देंगी? वैसे भी जब शादी एकल है तो तलाक लेने का फैसली भी एकतरफा ही होगा, फिर दिक्कत तो कुछ होगी नहीं. लड़कियों को क्या संदेश देना चाहती हैं?

अगर क्षमा बाकी लड़कियों के लिए कुछ करना चाहती हैं तो उनके अधिकार, शिक्षा और रोजगार की बात करतीं. अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करतीं जो महिलाओं को प्रेरित करती. ये क्या बात हुई कि खुद से शादी कर लो और खुद के साथ ही हनीमून मना लो. सोलो ट्रेवल बोलने पर ज्यादा अच्छा लगता है.

इस तरह के फैसले से बेचारी महिलाओं का क्या भला होगा? भारत में तो आजतक ऐसा किसी ने किया नहीं था इसलिए ऐसा करके पब्लिसिटी करनी थी. आखिर क्षमा खुद से शादी करके लड़कियों को क्या संदेश देना चाहती हैं. जवाब आपके पास है तो जरूर बताएं. कई लोगों का तो कहना है कि यह पागलपन है, सनक है...

शादी के बाद क्षमा खुद से रूठेंगी और खुद को ही मनाएंगी. अपनी भावनाएं भी खुद से ही शेयर करेंगी, खुद से बहस करेंगी और खुद के साथ ही हंसाएंगी, खुद को आंखें तरेरेंगी और खुद को ही बहलाएंगी...वे मंगलसूत्र, चूड़ा, बिछिया, बिंदी, सिंदूर लगाकर इठलाएंगी और फोटो भी खिचवाएंगी...लेकिन क्यों? शादी का शौक भी पूरा करना और शादी भी नहीं करनी है...अब बोलेंगे तो बोलोगे कि बोलता है!

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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