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पीरियड्स की साथी सेनेटरी पैड, यदि तुम भी भरोसा तोड़ोगी तो हम लड़कियों का क्या होगा?
डियर सेनेटरी पैड हमें यकीन था कि तुम हमारी सेहत लिए लाभकारी हो, इसलिए तो कई महिलाओं ने जैसे-तैसे गंदा कपड़ा छोड़कर आंख बंद कर हर महीने तुम्हारा इस्तेमाल किया. हमें बताया गया था कि तुम्हें इस्तेमाल करने से हम कई गंभीर बीमीरियों से बच जाएंगे, मगर ये क्या यहां तो तुम ही हमारी सेहत की दुश्मन बन गई.
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लड़कियां पैड नहीं बोल पातीं और नुसरत भरूचा बैग में कंडोम रखने को कहती हैं, कितनी बेशर्म है ना?
कई पुरुष ऐसे हैं जो कंडोम इस्तेमाल करने में यकीन नहीं रखते. वे इसे अपनी बेइज्जती से जोड़ लेते हैं, बेइज्जती माने अपमान. वे इसे अपनी कमजोर मर्दानगी की निशानी मानते हैं. पत्नी या गर्लफ्रेंड अगर कंडोम की बात करे तो उसे "पागल हो क्या...कुछ नहीं होगा" बोलकर चुप कराते हैं. नतीज यह होता है कि महिलाओं को ना जाने कितनी बार गर्भपात करना पड़ता है.
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श्रीनगर की पैडवुमेन जो चुपचाप पब्लिक टॉयलेट में रख देती हैं पैड, ये कहानी कुछ सवाल करती है
हम आपको कश्मीर की एक ऐसी महिला (Srinagar padwoman Irfana Zargar) की कहानी बता रहे हैं जो मुफ्त में महिलाओं के लिए चुपटाप सेनेटरी पैड पब्लिक टॉयलेट में रख जाती हैं. इनका नाम इरफ़ाना ज़रगार है जो महिलाओं के लिए अपनी सैलरी के पैसों से पीरियड्स किट खरीदती हैं.
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