समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

लखनऊ में नमाजियों को दिया गया पुलिसिया गुलाब कौन सी खुशबू लेकर आया है?
यूपी की लखनऊ पुलिस ने गांधीगिरी का परिचय देते हुए टीले वाली मस्जिद पर शुक्रवार को नमाज अदा करने आए मुस्लिम समुदाय को गुलाब का फूल दिया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो. सवाल ये है कि क्या लखनऊ पुलिस ये मान चुकी है कि अब रसूल को लेकर सारा विवाद खत्म हो गया है?समाज | 5-मिनट में पढ़ें

'जमीयत' बनाम 'जमात': दो इस्लामिक संस्थाओं में से मुस्लिमों की आदर्श कौन?
पैगंबर टिप्पणी विवाद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat ulema e hind) ने मुस्लिम (Muslim) उपद्रवियों को कानूनी सहायता देने का फैसला किया है. वहीं, जमात उलेमा-ए-हिंद (Jamaate ulema e hind) ने हिंसक प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की है. साथ ही बुलडोजर की कार्रवाई को अपराधियों पर हुई कार्रवाई करार दिया है.समाज | 7-मिनट में पढ़ें

रांची में मारा गया मुदस्सिर या सवाल उठाने वाला साद अंसारी: मुस्लिमों के लिए 'आदर्श युवा' कौन है?
रांची हिंसा (Ranchi Violence) में पत्थरबाजों की भीड़ के साथ इस्लाम जिंदाबाद का नारा लगाने वाला मुदस्सिर (Mudassir) या तर्कसंगत बात करने का मुस्लिम छात्र साद अशफाक अंसारी (Saad Ashfaq Ansari). मुस्लिम समाज (Muslim) इन दोनों में से किसे हीरो मानेगा, ये उसे ही तय करना है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

गांधी-नेहरू का नाम लेकर बुलडोजर नीति पर सवाल क्यों खड़े किए जा रहे हैं?
खुद को सोशल एक्टिविस्ट बताने वाले प्रयागराज हिंसा (Prophet remark row) के मास्टरमाइंड जावेद अहमद पंप के घर को प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया. जिसके बाद जावेद पंप के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई को गलत साबित करने का माहौल बनाया जाने लगा है. और, इसके लिए उदाहरण गांधी-नेहरू (Gandhi Nehru) का दिया जा रहा है.सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें

रांची हिंसा में जान गंवाने वाले मुदस्सिर का 'कसूर' उसकी मां ने कह सुनाया है!
रांची हिंसा में मारे गए मुदस्सिर की मां (Ranchi boy Mudassir Mother) के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. जिसमें वह गुस्से से भरी हुई नजर आ रही हैं. पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहीं मुदस्सिर की मां का कहना है कि उनका बेटा केवल इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगा रहा था. लेकिन, आखिर वो ऐसा कर क्यों रहा था?सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

बुलडोजर के सामने लेटने वाले को 20% वोट, सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए खुला ऑफर!
तमाम ख़ास और आम मुसलमानों से बात करने पर एक कॉमन राय सामने आ रही है. लोग कह रहे हैं कि कुछ मुसलमानों पर ज़ुल्म कर पूरी क़ौम को डराया जा रहा है. इस ज़ुल्म के खिलाफ जो विपक्षी दल के शीर्ष नेता जमीन पर विरोध करते नजर आएंगे, जेल जाने से नहीं डरेंगे, उन्हें ही अल्पसंख्यक वर्ग बिना बंटे, बिना बिखरे एक मुश्त वोट देगा.ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

साम्प्रदायिक दंगे सौहार्द बनाते हैं, एकता भी स्थापित करते हैं!
दंगे साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़ाते है. जब हिंदू-मुस्लिम दंगे होते हैं तो हिन्दू समाज में जातियों के भेद समाप्त हो जाते हैं. आपस में एकता स्थापित हो जाती है. हिन्दू जाग जाता है और एक हो जाता है. इसी तरह हिंदू-मुस्लिम तनाव के बीच मुस्लिम समाज में मसलकों के बीच दूरियां मिट जाती हैं.शिया-सुन्नी मतभेदों पर विराम लग जाता है.सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
