सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
Tibet National Uprising Day: भारत के नजदीक हुई 2 कहानियां, जीत दोनों में भारत की हुई!
तिब्बती विद्रोह दिवस न केवल तिब्बत और दलाई लामा के लिए बल्कि चीन के खिलाफ भारत के लिए भी महत्वपूर्ण मुद्दा है. भारत एक ऐसा देश है जिसने हमेशा ही उन लोगों की मदद की. जिन्होंने उसकी तरफ देखा. तिब्बत की ही तरह भारत ने पूर्व में बांग्लादेश की भी मदद की है और कारण खासा रोचक है.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
काकोरी ट्रेन एक्शन डे: जानिये काकोरी में ऐसा क्या हुआ जिसने तब अंग्रेजों के होश उड़ा दिए!
युद्ध का मैदान हो या स्वतंत्रता संग्राम हो, दुश्मन भारत पर कभी भारी नहीं पड़ा, भारत कमज़ोर हुआ तो घर के भेदियों के कारण, काकोरी में ट्रेन लूटने वाले क्रांतिकारी भी शायद कभी पकड़े नहीं जाते, लेकिन उन्हीं के दो साथी अंग्रेजो के मुखबिर बन गये और काकोरी के नायक पकड़े गए.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
Bhagat Singh की शहादत का भारत में वामपंथी शोषण
भगत सिंह वामपंथी थे या नहीं ये पूरी तरह से कहा नहीं जा सकता. लेकिन वामपंथियों को जब लगा कि भगत सिंह को अपना बना कर पेश करने में उनकी भलाई है. तो वो भगत सिंह की तस्वीरों और उनकी जीवनी को इस तरह से पेश करने लगे जैसे भगत सिंह से बड़ा देश में कोई भी क्रांतिकारी पैदा ही नहीं हुआ था.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें
टिकैत का अगला धरना 'पवन देव' के खिलाफ, हवाओं की गुस्ताखी भला कैसे बर्दाश्त होगी!
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) में फंसने की जांच होनी चाहिए. और, अगर जांच में 'हवा का दबाव' जिम्मेदार पाया जाता है. तो, निश्चित तौर पर पवन देव (Lord Vayu) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि, हवा यानी वायु पर पवन देव का ही नियंत्रण होता है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Rahul Gandhi का राजस्थान दौरा, कृषि बिल के बहाने ज़मीन पाने की छटपटाहट!
जिस तरह से प्रियंका गांधी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कृषि बिल के विरोध के बहाने जाट वोट बैंक पर नज़र लगाए हुए हैं. उसी तरह से राजस्थान में भी राहुल गांधी अपने खोए हुए जाट वोटबैंक को तलाशने आए हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लंबे अरसे बाद राहुल गांधी के साथ बुलाया गया है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
'Nobel' को अब तक गांधी जी न मिल पाए, दुर्भाग्य!
देश के राष्ट्रपिता को देश-विदेश में खूब सम्मान मिला है, राष्ट्रपिता, बापु, महात्मा और मिस्टर गांधी का खिताब हासिल करने वाले महात्मा गांधी को शांति का देवता कहा जाता है लेकिन दुनिया के सबसे बड़े शांति के पुरस्कार से गांधी को न नवाजा जाना निराश करता है. लेकिन ये भी अटल हकीकत है कि गांधी का व्यक्तित्व किसी पुरस्कार का मोहताज नहीं हो सकता है.
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