संस्कृति | बड़ा आर्टिकल

कृष्ण केवल जन्माष्टमी तक ही नहीं बल्कि जीवन के हर पल में समाहित हैं!
लोग श्री कृष्ण को याद रखे हुए हैं, और बुरी बात ये है कि उनके उपदेशों को भुलाया जा रहा है. जन्माष्टमी को पूजा नहीं किसी इवेंट की तरह मनाया जाता है. हम जन्माष्टमी मनाएं और अच्छे से मनाएं. लोगों से अच्छे से बात करें, महिलाओं की इज्जत करें, सही से दोस्ती निभाएं, विरोधियों को माफ करना सीखें, प्यार करें तो ऐसा कि जैसे कृष्ण ने किया था और सबसे बड़ी बात ये कि एक इंसान जैसे बने रहें.
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Janmashtami 2020: अपने भक्त के लिए भगवान कम दोस्त ज्यादा हैं श्री कृष्ण!
Janmashtami Special: आज भले ही श्रीराम (Lord Ram) का नाम हमारे ह्रदय में बसा है, भोलेनाथ (Lord Shiva) सदैव हमारे अराध्य हैं पर मोहन यानी कृष्ण (Lord Krishna) एक ऐसे भगवान हैं जो दोस्त प्रतीत होते हैं. ये कृष्ण की खूबी ही है जिसके चलते जब कभी भी हम परेशान होते हैं लगता है कि मदद के लिए कृष्ण हमारे आस पास ही खड़े हैं.
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अशोक गहलोत सरकार अब कांग्रेस विधायकों के 'होटल क्वारंटीन' की कामयाबी के भरोसे
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) गुट के कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) को जयपुर के होटल से जैसलमेर शिफ्ट किया जाना एहतियाती इंतजाम तो है, लेकिन सत्र शुरू होने तक उनकी निष्ठा बनाये रखना बड़ी चुनौती है - फिर भी सरकार बचाने का आखिरी उपाय वही है.
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5 कहानियां, जो बताती हैं कृष्ण सिर्फ रसिया नहीं मर्यादा-पुरुषोत्तम भी हैं
भगवान राम को तो उनके मर्यादा पुरुषोत्तम होने के लिए अलग तरह का मान सम्मान दिया जाता है वहीं श्री कृष्ण को उनकी रास लीला की वजह से वो सम्मान नहीं दिया जाता जितना भगवान राम को मिलता है. छेड़छाड़ करने वालों को तो मजाक में कृष्ण-कन्हैया तक कहा जाता है.
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