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सिनेमा में महात्मा गांधी की मौजूदगी
Gandhi Godse Ek Yudh Movie: राजकुमार संतोषी 'गांधी गोडसे एक युद्ध' फिल्म लेकर आए हैं. असहमति-सहमति के विरोधाभास में राजकुमार संतोषी की फिल्म असगर वज़ाहत के नाटक पर आधारित कही जा रही है. फिल्म गांधीजी को महिमामंडित करती है या गोडसे को इसका फैसला दर्शकों के पास रहना चाहिए.
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Gandhi Godse Ek Yudh Public Review: कैसी लगी राजकुमार संतोषी की फिल्म, जानिए
Gandhi Godse Ek Yudh Public Review in Hindi: 9 साल के लंबे इंतजार के बाद दिग्गज फिल्म मेकर राजकुमार संतोषी फिल्म 'गांधी गोडसे एक युद्ध' की रिलीज के साथ वापसी कर चुके हैं. फिल्म में महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच वैचारिक युद्ध को दिखाया गया है. आइए जानते हैं कि फिल्म लोगों को कैसी लगी.
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Gandhi Godse Ek Yudh: पठानिया शोर में गुम हो गई संतोषी की प्रयोगात्मक कृति!
फिल्म 'गांधी गोडसे: एक युद्ध' पर आरोप था कि ये महात्मा गांधी के विचारों को नकारते हुए गोडसे का महिमामंडन करती है. हालांकि ऐसा कुछ है ही नहीं, उल्टे फिल्म गांधी की महानता ही सिद्ध करती है. यदि कहें कि विपक्षी मांग मुख़र होती तो फिल्म को फायदा पहुंचता बॉक्स ऑफिस के लिहाज से; अतिश्योक्ति नहीं होगी.
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राजकुमार संतोषी को जान से मारने की धमकी देने वाले 'गांधीवादी' कैसे हो सकते हैं?
Gandhi Godse Ek Yudh फिल्म के निर्देशक राजकुमार संतोषी का कहना है कि उन्हें फिल्म की रिलीज रोकने के लिए बाध्य किया जा रहा है. ऐसा नहीं करने पर उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. खुद को गांधी का पैरोकार बताने वाले कुछ लोग हिंसा करने की बात कर रहे हैं.
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हम जिन्हें महामानव और देवता मानते हैं, वे पहले मानव थे!
Jaipur Literature Festival 2023: बिना मनुष्य रूप धरे तो कोई भगवान भी नहीं कहलाया. भगवान बुद्ध ना होते यदि सिद्धार्थ न जन्मा होता. वर्धमान भगवान महावीर कहलाए थे. भगवान श्रीराम भी राजा दशरथ के पुत्र राम ही थे. महात्मा पहले मोहनदास थे. उनका कर्म और आचार विचार मानवीय था.
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फारूक अब्दुल्ला ने तो और उलझा दिया - राहुल 'गांधी' हैं या 'शंकराचार्य'?
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) अपने अंतिम पड़ाव जम्मू-कश्मीर पहुंच चुकी है. कन्याकुमारी से कठुआ पहुंचे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तुलना फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शंकराचार्य से कर डाली है - आखिर उनको वो गांधी जैसे क्यों नहीं लगते?
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