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पेले होने का मतलब
पेले ने अपने करियर में 760 गोल किए थे. इनमें से 541 लीग चैम्पियनशिपों में किए गए थे, जिसके कारण वे सर्वकालीन सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी माने जाते हैं. कुल मिलाकर पेले ने 1363 खेलों में 1281 गोल किए. हालांकि इनके आंकड़ों को चुनौती भी मिलती है. लेकिन निर्विवाद में महान खिलाड़ी थे.
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RIP Pele: खिलाड़ी जिसके जैसा न कोई हुआ है और न आगे कभी होगा...
फुटबॉल लेजेंड्स में शुमार पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. कई किस्से हैं जो पेले के जीवन से जुड़े हैं. ऐसा ही एक किस्सा तब का है जब नवम्बर 1969 में पेले ने मराकाना स्टेडियम में वास्को के विरुद्ध खेलते हुए अपना 1000वां कॅरियर गोल किया. तब 20 मिनटों के लिए खेल रोक दिया गया और इस अभूतपूर्व उपलब्धि का जश्न मनाया गया था.
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कब कोई बनता है मेसी या एम्बाप्पे?
बड़े खिलाड़ी का यही सबसे बड़ा गुण होता है कि वे खास मैचों या विपरीत हालातों में छा जाते हैं. लियोनेल मेसी तथा किलियन एम्बाप्पे ने फीफा कप के फाइनल मैच में लाजवाब खेल का प्रदर्शन किया. मेसी और एम्बाप्पे ने कुल जमा तीन और चार गोल किए. ये गुण होता है कि किसी बड़े खिलाड़ी में जो उसे महान बनाता है.
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Leonel Messi-Antonella Roccuzzo: ये है चैंपियन के बचपन का प्यार!
FIFA World Cup 2022 विजेता अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. ऐसा उनकी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा के कारण ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व के कारण भी है. ग्लैमर भरी दुनिया में जब रिश्ते सहज टूटते दिखते हैं, ऐसे मेसी और उनकी पत्नी एंटोनेला रोकुजो की प्रेम कहानी रोमांचित करने वाली है.
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Messi - Mbappe के अलावा भी Fifa Final में बहुत कुछ था जिसने मैच को यादगार बनाया!
आतिशी मुकाबले में फ़्रांस को हराकर अर्जेंटीना फुटबॉल का बादशाह बन गया है. मगर इस मैच में फुटबॉल, गोल, भीड़भाड़ के अलावा भी कई चीजें देखने को मिली. आइये नजर डालते हैं उन झलकियों पर जिन्होंने फुटबॉल के इस महाकुंभ के आखिरी निर्णायक मुकाबले को और भी यादगार बना दिया है.
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Fifa World Cup 2022: सचिन और मेसी की महानता में समानता...
जैसे सचिन के पास हर रिकॉर्ड था और अधिकतर ट्राफियां थी वैसे ही मेसी के पास भी हर ट्राफी थी.लेकिन दोनों के पास विश्वकप ट्राफी का अभाव था.सचिन इस ट्राफी को अपने कैरियर के आखिरी दौर में छू पाए तो मेसी भी अपने कैरियर के ढलान पर इसे कल छू सके. और हां जैसे सचिन के दौर में ही विराट कोहली का उदय हो रहा था वैसे ही मेसी के ही दौर में एमबाप्पे का उदय हो रहा है.
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अर्जेटीना-नीदरलैंड फुटबॉल 'युद्ध' का अंजाम सामने आने लगा है...
अर्जेंटीना और नीदरलैंड के बीच हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अपने फैसलों से विवादों में आए स्पेन के रेफरी Mateu Lahoz को वापस घर भेज दिया गया है. चाहे वो अर्जेंटीना के खिलाड़ी हों या फिर नीदरलैंड के दोनों ही ने तमाम गंभीर आरोप Lahoz द्वारा लिए गए फैसले पर उठाए हैं.
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