सियासत | बड़ा आर्टिकल
मोदी विरोधियों का NRI-विरोध अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विरोध में अप्रवासी भारतीयों (Indian diaspora) को निशाना बनाने की सोच 2014 के बाद बहुत तेजी से बढ़ी है. क्योंकि, पीएम मोदी के कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में आने वाले ये एनआरआई उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. और, भारत में मोदी-विरोधियों (Anti Modi) को ये बात बिल्कुल भी नहीं पचती है.
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स्वीडन में क्यों भड़के मुसलमान और क्यों हो रहे हैं दंगे? जानिए, क्या है पूरा मामला
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2021 में 15वें स्थान पर रहने वाला स्वीडन (Sweden) इन दिनों 'सांप्रदायिक दंगों' की आग में झुलस रहा है. अपने 'बहुसंस्कृतिवाद' और 'शांतिप्रियता' के लिए मशहूर छोटे से इस देश स्वीडन में गाड़ियों को फूंकने से लेकर बाजारों में लूटपाट (Communal Riots) तक की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.
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Russia-Ukraine War की जड़ रूस-अमेरिकी विवाद में पर्दे के पीछे ग्रेट ब्रिटेन रहा है!
आधी दुनिया पर राज करने वाले ब्रिटिश शासन का खात्मा हो गया मगर दुनिया की इस 'मंथरा' ने जो रायता फैलाया है उसे पूरी दुनिया भुगत रही है.ताजा मामला रूस और यूक्रेन युद्ध का है. यदि आज दोनों देश एक दूसरे के खून के प्यासे हैं तो वजह ब्रिटेन ही है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध से फायदा पुतिन को नहीं अमेरिका को मिल रहा है!
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) ने पश्चिमी देशों को रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य कर दिया है. वैसे, इस युद्ध की समाप्ति के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को कुछ फायदा मिले या नहीं. लेकिन, अमेरिका (United States) हर मामले में इस युद्ध से फायदे में ही रहेगा.
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Ukraine special 4: क्या है पुतिन का व्लादिमीर प्लान, कौन है इस प्लान के पीछे?
पुतिन पश्चिमी मीडिया को Bunch of Lies कहते हैं मगर यह पूरा असत्य नहीं है. वैसे रूस कम्युनिस्ट देश रहा है मगर असल में वह कभी नास्तिक नहीं बन पाया. कम्युनिस्ट पतन से पनपे पुतिन रूस के धार्मिक उपदेशक शेवकुवनोव के सोहबत में रहते हैं जिसने सबसे पहले रूसी जनता को पुतिन के लिए पुतिन से ज़्यादा व्लादिमीर बोलने और पुकारे जाने की रणनीति बनाई.
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Ukraine special 3: रूस-यूक्रेन युद्ध मुहब्बत और जंग की कहानी है...
Russia Ukraine Conflict को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं लेकिन हमें इस बात को समझना होगा कि रूस और यूक्रेन के युद्ध में मुहब्बत भी है और अदावत भी है. कैसे ? इतिहास है जिसमें ऐसा बहुत कुछ है जो बता रहा है कि संघर्ष के बीज सदियों पहले बोये गए थे.
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Ukraine special 2: शीत युद्ध की साज़िशों की विरासत है यूक्रेन-रूस युद्ध!
1954 में रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन को गिफ़्ट कर दिया जबकि केवल 22 फ़ीसदी क्रीमियन यूक्रेनी है. इसके बाद यूक्रेन के रहने वाले लियोनेड ब्रेझनेव सोवियत संघ के कम्युनिस्ट सेक्रेटरी बने. यूक्रेनियन के सोवियत संघ के मुखिया बनने पर दोनों इलाकों में जमकर जश्न मना. सोवियत संघ को अमेरिका-यूरोप के यूक्रेनी प्रोपोगांडा से निबटने और यूक्रेन का दिल जीतने की कोशिश के तौर पर इसे देखा गया.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
Ukraine special 1- यूक्रेन में अमेरिका-यूरोप और रूस के ग्रेट गेम की कहानी...
यूक्रेन और रूस के युद्ध पर तमाम तरह की बातें हो रही हैं लेकिन उससे पहले हमें ये समझना होगा कि दोनों मुल्कों के बीच भी फैली जटिलाएं कोई एक दिन की देन नहीं हैं. इसके बीज बहुत पहले ही डाले गए थे. बाकी चाहे यूक्रेन हो या रूस उन्हें ये भी समझना होगा कि युद्ध शुरू करना आसान है मगर ख़त्म करना बेहद मुश्किल है.
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