सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

गंदगी फैला रही महिलाओं को सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगाकर ही सुधारा जा सकता है
महिलाएं जो कि अपने घर को चमका कर रखती हैं जो फर्श पर एक तिनका देख अपनी कामवाली या बच्चों पर बिगड़ जाती हैं. कभी कभी रौद्र रूप धारण कर ताडंव करने लगती हैं वे महिलाएं सार्वजनिक स्थल तो छोड़िए धार्मिक स्थलों पर भी गंदगी का ढेर लगा आती हैं. जो अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

होली के त्योहार पर आम घरों की महिलाओं का रूटीन क्या होता है?
एक त्योहार ही तो वह मौका होता है जब सभी घरवाले एक जगह होते हैं. उसमें भी बाहर से सामान मंगा लेंगे तो फिर बात ही क्या रह जाएगी? उन्हें तो मां के हाथ का ही सबकुछ बना अच्छा लगता है. इसलिए कमर दर्द लिए मां रसोई से छत और बाजार के चक्कर लगाती रहती है.
स्पोर्ट्स | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

60 साल बाद आदमी नहाया फिर मौत हो गई... मजाक नहीं, मैटर सीरियस है, बहुत सीरियस!
दुनिया के सबसे गंदे आदमी के रूप में पहचान रखने वाले एक ईरानी व्यक्ति की 94 साल की उम्र में मृत्यु हो गई. ये तब हुआ जब उसने 60 से अधिक वर्षों में अपना पहला स्नान किया। बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति मरा उसका उनका पसंदीदा भोजन पॉर्क्यूपाइन का मांस था.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

क्या दिवाली की सफाई सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है, उनका हर त्योहार काम करने में क्यों बीते?
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं का त्योहार घर के काम करने और रसोई में खाना पकाने में बीत जाता है. घर के सारे लोग त्योहार एंजॉय करते हैं और औरतें सज-धज कर रसोई में काम करती रहती हैं. क्या उनके लिए त्योहार का मतलब सिर्फ काम है?
सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें

Dominos को पता है हम रेस्त्रां की दाल में बाल इग्नोर करने वाले लोग हैं, उसे क्या ही फर्क पड़ेगा
तुषार नाम के ट्विटर यूजर ने ट्विटर पर डॉमिनोज बेंगलुरु से जुड़ी कुछ तस्वीरों को साझा किया है. तस्वीरों में जहां पर पिज्जा बनाने के लिए आंटे की लोइयां रखी हैं, वहां उसके ऊपर टॉयलेट ब्रश और पोंछा टंगे हैं. इतने गंभीर मामले पर डॉमिनोज ने अपना पक्ष रखा तो है. लेकिन वो एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा और कुछ नहीं है.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें
