New

होम -> सोशल मीडिया

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 16 अगस्त, 2022 01:22 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

लापरवाही का एक्सट्रीम या पराकाष्ठा क्या है? सवाल को लेकर कई कई घंटे विमर्श हो सकता है. लेकिन इसे समझना उतना भी मुश्किल नहीं है. हम बेंगलुरु के उस डॉमिनोज के आउटलेट का रुख कर सकते हैं, जहां जैसे हालात में पिज्जा की मेकिंग को अंजाम दिया जा रहा है. अगर इंसान उसे देख ले, तो बाहर कुछ खाने और बाहर जाकर पिज्जा खाने का उसका पूरा भूत उतर जाएगा. ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि डॉमिनोज को इसकी खबर नहीं है. दौर चूंकि सोशल मीडिया का है. जल्द ही डॉमिनोज को उसके बेंगलुरु के आउटलेट के नज़ारे दिखाए गए. लेकिन अपराध तुल्य एक बड़ी गलती पर जैसा रवैया डॉमिनोज का रहा वो एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा कुछ भी नहीं था. यानी कहीं न कहीं डॉमिनोज ने हम भारतीयों को इस बात का एहसास कराया कि हम नाले के किनारे पड़ने वाले ढाबे पर कढ़ी चावल  खाने वाले लोग हैं और साफ़ सफाई की बात हमारे मुंह से शोभा नहीं देती.

Pizza, Cleaness, Dominos, Twitter, Tweet, Complaint, Reaction, Indians, Restaurantडॉमिनोज ने जो अपने बेंगलुरु आउटलेट में किया है वो शर्मनाक है

दरअसल @Tushar_KN नाम के यूजर ने ट्विटर पर बेंगलुरु के डॉमिनोज के एक आउटलेट से जुड़ी कुछ तस्वीरों को साझा किया है. तस्वीरें चौकाने वाली हैं. अपने ट्वीट में तुषार ने लिखा कि बेंगलुरु के डॉमिनोज के आउटलेट से तस्वीरें जिसमें पिज्जा के आटे की ट्रे के ऊपर सफाई के सामान जिसमें टॉयलेट ब्रश, पोंछा और सफाई के कपड़े टंगे हैं. तुषार ने इन तस्वीरों के मद्देनजर लोगों से अनुरोध किया कि वो घर का ही खाना खाएं. 

तुषार का इन तस्वीरों को ट्वीट करना भर था. लोगों को यकीन नहीं हुआ कि गंदगी का ये नजारा उन्हें डोमिनोज जैसे उस रेस्त्रां में देखने को मिल रहा है जो समय समय पर साफ़ सफाई का दावा करता है. तुषार का ये ट्वीट चूंकि लोगों से जुड़ा था इसलिए इसे खूब जमकर शेयर किया गया और इसपर प्रतिक्रियाओं की बरसात हुई.

ट्विटर पर तमाम यूजर ऐसे थे जिन्होंने अपने अपने अनुभव साझा किये और बताया कि चाहे कितना भी बड़ा होटल या रेस्त्रां क्यों न हो, प्रायः साफ़ सफाई वहां ऐसी ही रहती है.

चूंकि डॉमिनोज के आउटलेट द्वारा की गयी ये हरकत F&B Industry के तहत किसी अपराध से कम नहीं है. लोगों का मानना ये भी है कि अब वो वक़्त आ गया है जब रेस्त्रां के किचन में क्या हो रहा है इसकी जानकारी ग्राहकों को मिले इसके लिए cctv की व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही सरकार को भी जल्द से जल्द इसके लिए दिशा निर्देश देने चाहिए.

 

मामले के तहत लोगों की नाराजगी जायज है इसलिए मांग ये भी हुई कि इस मामले में डॉमिनोज को टैग किया जाए और उससे जवाब तालाब किये जाएं. लोगों ने ऐसा किया भी लेकिन डॉमिनोज के काम पर जूं तक न रेंगी

बाद में जब विवाद ज्यादा बढ़ा और एक के बाद एक लोगों ने कई ट्वीट किये तो डॉमिनोज ने भी अपनी आंखें खोलीं और रिप्लाई किया. रिप्लाई में जैसा रवैया डॉमिनोज का था वो एक फॉर्मेलिटी से ज्यादा कुछ और नहीं था. डॉमिनोज ने एक बयान जारी किया और कहा कि , 'डोमिनोज स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए विश्व स्तरीय प्रोटोकॉल का पालन करता है. हमारे एक स्टोर से जुड़ी एक घटना हाल ही में हमारे संज्ञान में लाई गई. हम यह दावा करना चाहते हैं कि यह एक अलग घटना है, और हमने संबंधित रेस्तरां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. कृपया सूचित रहें कि हमारे उच्च सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए हम शून्य सहनशीलता रखते हैं.

निश्चिंत रहें हम अपने ग्राहकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

वहीं डॉमिनोज की तरफ से ये भी कहा गया कि निश्चिंत रहें हम अपने ग्राहकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

अब जबकि इतने बड़े मामले पर डॉमिनोज ने अपना पक्ष रख दिया है.  सवाल ये है कि क्या इतना काफी है? विषय बहुत सीधा है. चूंकि ये कोई छोटी मोटी गलती नहीं है. एक्शन जब होता तब होता. सबसे पहले तो डॉमिनोज को अपनी इस फ्रेंचाइजी को तत्काल प्रभाव में बंद कर देना चाहिए था लेकिन चूंकि इतने बड़े मामले पर डॉमिनोज की तरफ से सिर्फ बयां जारी कर खानापूर्ति की गयी है. कहना गलत नहीं है कि बयान के जरिये डॉमिनोज ने सिर्फ और सिर्फ अपना पिंड छुड़ाया है. 

हो सकता है ये बात थोड़ी अजीब लगे. लेकिन डॉमिनोज भी इस बात को जानता है कि हम भारतीय वो लोग हैं जो दोबारा उस रेस्त्रां में जाने से गुरेज नहीं करते जहां की दाल में बाल के दर्शन हमें हुए हैं. एक कंपनी के रूप में डॉमिनोज को हमारा रवैया पता है. कंपनी जानती है कि आज हम भले ही हो हल्ला मचा रहे हों लेकिन अपनी जीभ से मजबूर हम दोबारा वहां खाने जाएंगे और उसे स्टेटस सिम्बल की संज्ञा देंगे.

ये भी पढ़ें - 

महिला को तिरंगे की आरती करता देख तमाम भाव मन में आएंगे, आपके मन में क्या आया?

'पुरुष प्रधान समाज में निर्लज्ज औरतें...' मुकेश खन्ना जी का लड़कों को ज्ञान हैरान करने वाला है!

जानवरों के लिए राखी का भाव हर राखी हमारी प्रकृति-प्रवृत्ति में शामिल हो 

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय