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किसी को नहीं है बढ़ती बाल मजदूरी की चिंता...
बाल श्रम रोकने मेें सरकारी व सामाजिक दोनों के प्रयास नाकाफी न रहें, सभी को ईमानदारी से इस दायित्व में आहूति देनी चाहिए. कानूनों की कमी नहीं है, कई कानून सक्रिय हैं. बाल श्रम अधीनियम 1986 के तहत ढाबों, घरों, होटलों में बाल श्रम करवाना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके लोग बाल श्रम को बढ़ावा देते हैं.
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