समाज | बड़ा आर्टिकल
भारत से सऊदी तक, छठ पर्व से हैलोवीन तक, कुछ बदल रहा है क्या दुनिया में?
भारतीय त्योहारों को पिछड़ा और पाखंडी बताने वाले हैलोवीन को आधुनिक मानते हैं. बड़े चाव से उसे मनाते दिख रहे आजकल. त्योहारों को लेकर भी लोगों का अजीब विरोधाभास दिख रहा है. उनका वश चले तो त्योहारों का विभाजन भी कर दें. बावजूद दुनिया बदल रही है. और उस पॉइंट पर पहुंचने की कोशिश में है जहां से शुरू हुई थी.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
कूड़े के पहाड़ पर अचानक इतना क्यों भड़के केजरीवाल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गाजीपुर की लैंडफिल साइट को 'कुकर्मों और भ्रष्टाचार का पहाड़' बताते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया. दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले कूड़े के पहाड़ (Garbage Mountain) का मुद्दा सामने आना ही था. लेकिन, ऐसा क्या हो गया कि अचानक अरविंद केजरीवाल कूड़े के पहाड़ पर भड़क गए?
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
आखिर कैसे छठ पर हमने बिहारियों का नहीं, अपना मजाक बनाया है?
न्यूक्लियर फैमिलीज़ बनाते बनाते हम इतने परमाणु हो गए हैं कि पूजा पाठ क्रिया कार्य में भी सारे परिवार को इकट्ठा करना बंद कर दिया है. इसके ठीक उलट, छठ पर गांव गयी एक मित्र के द्वारा पता चला कि करीब चालीस पचास परिवार के सदस्यों के साथ वह छठ मना रही है. इतने लोग तो हमारी पूरी गली में इकट्ठे करने मुश्किल हैं. इतने रिश्तेदार मैंने इकट्ठे साथ कब देखे थे, मुझे याद नहीं.
सियासत | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
छठ व्रती महिलाएं प्रदूषित यमुना नदी में नहाने को मजबूर हैं, क्योंकि ऐसा पापी नेता चाहते हैं!
यमुना नदी दीवाली या छठ के पर्व पर अचानक से प्रदूषित नहीं हुई है. यह चर्चा हर साल दीपावली और छठ के पर्व पर तेज हो जाती है. असल में महिलाओं को गंदे पानी में पूजा करने पर मजबूर इन नेताओं ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है...
समाज | बड़ा आर्टिकल
Chhath सिर्फ त्योहार नहीं, मोह का धागा है हम बिहारियों के लिए!
बिहार (Bihar) का कोई भी व्यक्ति देश दुनिया में कहीं भी रहे जैसे ही छठ का त्योहार (Chhath Pooja)आता है उसे अपने गांव, अपने घर और उस घर में होने वाली पूजा. पूजा के बाद बंटने वाले प्रसाद की खूब याद आती है. साफ़ है कि बिहार के किसी भी नागरिक के लिए छठ सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि एक इमोशन है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
जब तक जनता आस्थावान है, सरकारें भगवान बनी रहेंगी!
दिल्ली से छठ पूजा की कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें महिलाएं यमुना के गंदे बदबूदा पानी में खड़ी हैं. गंदे पानी में महिलाओं का इस तरह खड़े होना ये बताता है कि जब बात आस्था की आती है तो हम बड़ी से बड़ी चूक को इग्नोर कर जाते हैं. जिसका फायदा सरकारें उठाती हैं.
संस्कृति | बड़ा आर्टिकल
संस्कृति | 7-मिनट में पढ़ें
संस्कृति | 6-मिनट में पढ़ें







