सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

बेटी के साथ ड्यूटी पर पहुंची कैब ड्राइवर मां की कहानी हमें प्रेरणा देती है
तस्वीर में दिखने वाली इस महिला का नाम नन्दिनी है जो बेंगलुरु में उबर कैब चलाती है. वह ड्राइवर होने के साथ-साथ एक मां भी है इसलिए बेटी की देखरेख के लिए उसे अपने साथ ही लेकर ड्राइव कर रही है. क्योंकि ना वह अपना काम छोड़ सकती है ना मां होने की जिम्मेदारी.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें

बीवी के बुजुर्ग आशिक की लाश ठिकाने लगाने वाले पति को अलग से नमन रहेगा!
बेंगलुरू में 67 साल के एक शख्स की गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. पुलिस जांच में सामने आया कि पकडे जाने के डर से महिला ने अपने पति और भाई के साथ बुजुर्ग के शव को ठिकाने लगा दिया. सोचने वाली बात ये है कि महिला के पति का दिल सच में बहुत बड़ा रहा होगा.
सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें

ट्रैफिक जाम में गर्लफ्रेंड मिले जो बाद में बीवी बने तो ऐसे जाम से अच्छा कुछ नहीं!
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुआ है. जिसके अनुसार एक व्यक्ति बेंगलुरु में ट्रैफिक में फंसा, जहां उसे अपनी गर्ल फ्रेंड मिली. जिससे उसने बाद में शादी की. यदि ऐसा है तो इस किस्से को सुनकर कहा यही जाएगा कि, अगर जाम में प्यार मिल रहा है तो फिर ऐसे जाम से बेहतर कुछ भी नहीं.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत की सेल्फी से प्रेरणा न लें, घरवाले 'मोर बना देंगे'!
शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर का ड्रग्स मामले में बेल मिलने के बाद सेल्फी लेना बेशर्मी नहीं तो फिर और क्या है. एक हमारा जमाना था अगर क्लास के बच्चे की पेंसिल भी हमारे बॉक्स में निकल आती पिता मार मार के मोर बना देते। खैर सिद्धांत के साथ शक्ति को क्या करना चाहिए या कुछ नहीं करना चाहिए फैसला जनता की कोर्ट करे.
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें

RCB vs LSG: बाजीगर है IPL play off में बाहर हुई लखनऊ टीम, सदके जाने का मन करता है!
क्रिकेट में कुछ भी निश्चित नहीं है और आईपीएल में तो बिल्कुल भी नहीं. आरसीबी ने इंडियन प्रीमियर लीग के एलिमिनेटर में जिस तरह लखनऊ सुपर जाइंट्स को घर भेजा हर कोई हैरत में है. भले ही टीम लखनऊ पहली बार आईपीएल में उतरी हो लेकिन जैसा गेम था लखनऊ को विनर माना जा रहा था. बाकी लखनऊ की हार पर किसी लखनऊ वाले को बहुत ज्यादा आहत होने की कोई जरूरत नहीं है.
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