समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
इंदौर हादसे में जिन्होंने अपनों को खो दिया उनकी पीड़ा कौन समझेगा?
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे का जिम्मेदार कोई भी हो मगर जिन्होंने अपनों को खो दिया उनकी पीड़ा कौन समझेगा? किसी ने अपना बच्चा खो दिया, किसी ने पत्नी, किसी ने मां तो किसी ने पिता. कोई तो हाथ जोड़े ही बावड़ी (कुएं) में ही समा गया. कहने को कितनी ही बातें कह दी जाएं, मुवाअजे दे दिए जाएं मगर जो चले गए वे लौट कर नहीं आने वाले.
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तो क्या अब नेपाली एविएशन को है रिफॉर्म की जरूरत?
नेपाल में मात्र एक त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टैंडर्ड क्वालिटी का है. बीते कुछ वर्षों में वहां एविएशन क्षेत्र ने आधुनिक तकनीकों में जरूर थोड़ा बदलाव किया है. पर, उसका सही से क्रियांवयन नहीं किया गया. पोखरा विमान हादसा उसी का नतीजा है. इस घटना के बाद नेपाल विमानन नेटवर्क को सतर्क हो जाना चाहिए. घटना के संभावित पहलुओं को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करना चाहिए.
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