समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
आधार कार्ड की खानापूर्ति ज्यादा जरूरी साबित हुई एक महिला और उसके दो जुड़वा बच्चों की जान से!
महिला की नाम कस्तूरी है जिसकी उम्र कारीब 30 साल थी. अफसोस की बात यह है कि वह अनाथ थी. उसके पास मेटरनिटी कार्ड या आधार कार्ड नहीं था. उसके पति की मौत हो चुकी थी उसकी पहले से एक 7 साल की बेटी है. जब उसे लेबर पेन हुआ तो कुछ लोगों ने चंदा जुटाकर उसे ऑटो रिक्शा से जिला अस्पताल पहुंचाया था. मगर अफसोस की उसकी तकलीफ को देखकर भी अस्पताल ने अनदेखा कर दिया
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बेटियों के जन्म पर बहू को रथ से घर लाना हो या दो बच्चों की मां की दूसरी शादी, यह खुशी सर्वोपरि है!
ससुराल के लोग घर की जुड़वा बेटियों के साथ बहू को उसके मायके से लाने के लिए रथ लेकर गए थे. जब वे धूम-धाम से फूलों की बरसात के साथ बहू और बेटियों को लेकर आए तो पूरा शहर देखता रह गया. वहीं सोनी सोमानी के बच्चों ने ही उनकी दूसरी शादी कराई...
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