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(कहानी) जब अमर-अकबर और ब्रूनो की बदौलत पुलिस ने किडनैपर्स की खटिया खड़ी की
क्या क्रिकेट खेलते हुए छोटे बच्चे, शहर के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आज़ाद करा पाते हैं? क्या किडनैपिंग की बात बताने थाने पहुंचे बच्चों की बातों को इन्स्पेक्टर अंकल सीरियसली लेते हैं? पढ़िये इस कहानी को. सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
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अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे?
हम अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, जज या कलक्टर बनने की बात तो बता देते हैं. पर उससे भी पहले जो जरूरी बात है वो बताना शायद भूल ही जाते हैं. जी हां सही सुना आपने। हम अपने बच्चों को बताना भूल जाते हैं कि ज़िन्दगी में और कुछ बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है.
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कहानी: जब अर्जुन के समक्ष परिवार या पैसे में से किसी एक को चुनने का प्रश्न आया
मां अब अर्जुन के ही साथ रहती है. बड़ी बहन विमला का वीरेन्द्र के साथ कहा-सुनी होने के बाद से आना-जान बंद है और मायके के नाम पर केवल अर्जुन और उसका परिवार ही रह गया है. अर्जुन की पत्नी आशा अब भी पूरे परिवार को एकसूत्र में पिरोए रखने का कोई भी प्रयास अपने हाथों से जाने नहीं देती.
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