
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@Edkpsingh
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. इनको राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

वीर सावरकर का सियासी दल विरोध कर सकते हैं, लेकिन भारत की जनता नहीं!
2002 में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न के रूप में सम्मानित करने का वादा वाजपेयी के शासन के दौरान सामने आया था, लेकिन राष्ट्रीय नाराजगी के बाद इसे खारिज कर दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय मनमोहन सिंह ने साल 2005 में अंडमान निकोबार के हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर कर दिया था.समाज | 22-मिनट में पढ़ें
सियासत | 21-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

सत्ता के विनाश के साथ समाज अपनी सभ्यता और संस्कृति भी नष्ट करते जाता है!
जब जब सत्ता नष्ट हुई है, तब तब समाज अपनी सभ्यता व संस्कृति को भी नष्ट करते जाता है. दुःख तब और बढ़ जाता है जब तत्कालीन राजाओं को कुछ दिखता नहीं. खोने और पाने के खेल में राजा बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि राजा कृष्ण है तो कर्मण्येवाधिकारस्ते कहेगा.सियासत | 33-मिनट में पढ़ें
सियासत | 35-मिनट में पढ़ें

अब दलीय सरकारों से देश की जनता का उत्थान नहीं होगा, होना होता तो अब तक हो जाता
हिंदुस्तान का हर नौजवान किसी न किसी विचारधारा के रोग से ग्रसित है. क्या उस विचारधारा से गांव के गरीब के जीवन में अमूल-चूल परिवर्तन हुआ? बेटियों से बलात्कार तब भी होता था और आज ज्यादा हो रहा है? भ्रष्टाचार तब छुप छुपा के था आज खुल्लम खुल्ला हो रहा है, पुलिस तब भी कहर बरपाती थी, आज फ़र्ज़ी मुकदमों में फ़साती है, तब जातिवाद न के बराबर था और आज जाति ही सबकुछ है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

भारत मे जितने दल हैं, उनके सबके अपने अपने लोकतंत्र हैं...
जिस सवाल से दुनिया आज यहां पहुंची है, वही सवाल भारत मे आंखों के सामने मरता रहा और हम खामोश होकर देखते रहे. कोरोना की कहर ने भारत की तमाम तरह की सरकारों के रवैय्ये को तार तार कर दिया. पर सरकारों में आस्था रखने वालों ने भी अपनी अपनी सरकारों से सवाल नही किया. यही भारतीय लोकतंत्र की मौत है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 22-मिनट में पढ़ें
सियासत | 22-मिनट में पढ़ें

इतिहास खुद को कैसे दोहराता है, ये नीतीश-तेजस्वी प्रकरण से समझिए
बीजेपी का कहना है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मारने की तैयारी में हैं. वे तेजस्वी यादव को भी अब धोखा देने वाले हैं. क्योंकि उनको पता चल गया है कि बीजेपी मोकामा और गोपालगंज दोनों सीट जीतने जा रही है. बीजेपी के इस आरोप के पीछे की कहानी क्या है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

भारत का लोकतंत्र बहुत बड़ा है, इसे बड़ा बनाया भारत की महान जनता ने...
दोस्तों मैं कहूंगा कि टिकट बेचने और खरीदने वालों को वोट मत देना, शराब और साड़ी बाटने वाले,आपको बेहोश करेंगे फिर लोकतंत्र को लूटेंगे. अच्छे लोगो को वोट देना शुरू करिये, पार्टियां भी अच्छे लोगो को टिकट देंगी. वोट देने से पहले ज़रूर पूछियेगा.समाज | 3-मिनट में पढ़ें
