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हाथों में गुलाब पकड़े प्रेम चतुर्दशी का प्रेममयी पदार्पण हो चुका है!
14 फरवरी नज़दीक आने को है और गुलाब अपनी ख़ुशबू से सबों को राग-द्वेश त्यागकर प्रेमराग फैलाने का संदेश दे रहा है. चाहे शाहजहां हो या दशरथ मांझी, प्रेम के इस पवित्र सप्ताह में फूहड़पन को त्यागकर आइए प्यार की इन प्रतिमूर्ति को याद करें और समूचे संसार के समक्ष एक ऐसा उदाहरण पेश करें जो आने वाली नस्लो के लिए एक मिसाल बनकर सामने आए.
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