जावेद अख्तर के कहने से शाहजहां को 'भारतीय नागरिक' मान लेना चाहिए, या...
वैसे भी नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता क़ानून में संशोधन के बाद आए दिन कौन भारतीय है और कौन नहीं इस पर बहस हो रही है. जाहिर सी बात है- भारत में विदेशी कौन है यह भी पिछले दो दशक से राजनीति का एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
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जावेद अख्तर एक ट्वीट की वजह से ट्विटर पर बहस का विषय बन गए हैं. उन्होंने "दक्षिणपंथी" आइडियोलॉजी पर हमला करते हुए ट्वीट में लिखा- "ओबामा के पिता केन्या के थे वो अभी भी केन्या में रहती हैं, लेकिन ओबामा की अमेरिका में पैदाइश के साथ ही उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का अधिकार मिल गया था. शाहजहां भारत में पैदा होने वाली पांचवीं पीढ़ी से थे उनकी दादी और मां राजपूतनी थीं (75 प्रतिशत राजपूती खून), लेकिन वे लोग उन्हें विदेशी बुलाते हैं."
दरअसल, शाहजहां और ओबामा की तुलना में जावेद अख्तर का ये ट्वीट बहुत सरे लोगों को पसंद नहीं आ रहा. वहीं कुछ लोग जावेद अख्तर की हां में हां मिला रहे हैं. बहुत सरे लोग हैं जो मुगलों या बाहर से आकर पीढ़ी दर पीढ़ी राज करने वाले इस्लामी शासकों को विदेशी हमलावर ही मानते हैं. भारतीय नहीं मानने के तर्क देते हैं जो धार्मिक और राजनीतिक ही होते हैं. ट्वीट में अख्तर कहना चाहते थे कि भारत में जन्म के कई पीढ़ियों के बाद भला कोई विदेशी कैसे बना रह सकता है? स्वाभाविक रूप से उन्होंने भारत पर राज करने वालों की बाद की पीढ़ियों को विदेशी मानने से इनकार कर दिया. मौजूद माहौल में उनके ट्वीट पर बहस स्वाभाविक थी जो अभी तक जारी है.
Obama ‘s father was a Kenyan his paternal aunts still live in Kenya but since Obama was born in US he had the right to contest the presidential election Shah Jahan was the 5th Gen in India his grand mom n mom were Rajputni ( 75 %blood Rajput) but they call him a foreigner.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 26, 2021
वैसे भी नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता क़ानून में संशोधन के बाद आए दिन कौन भारतीय है और कौन नहीं इस पर बहस हो रही है. जाहिर सी बात है- भारत में विदेशी कौन है यह भी पिछले दो दशक से राजनीति का एक बड़ा सवाल बना हुआ है. विदेशी मूल का मसला. नागरिक पहचान का मुद्दा बीजेपी के सबसे बड़े राजनीतिक एजेंडा में शामिल है. 2000 शुरू होने से पहले जब सोनिया गांधी की राजनीति में एंट्री हुई तब नागरिकता के मुद्दे ने जोर पकड़ा था. उस वक्त इसी सवाल पर कांग्रेस पार्टी तक में बगावत हो गई और शरद कई नेताओं को लेकर अलग हो गए थे.
मुद्दा सिर्फ सोनिया भर का नहीं था. बल्कि ये उन असंख्य बांग्लभाषी मुसलमानों से भी जुड़ गया जिन्हें लेकर दावा किया जाता है कि वो बांग्लादेशी है और अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं, नागरिकता प्राप्त कर ली है और उनकी पहचान कर उन्हें वापस भेजने की दिशा में काम करना चाहिए. बहरहाल, नागरिकता को लेकर और भी सारे मुद्दे हैं और राजनीति में उनकी पेचिंदिगियां हैं जिनपर नई-नई बातें और तर्क तो सुनाई देते ही रहते हैं. फिलहाल तो जावेद अख्तर के बहाने शाहजहां के भारतीय होने ना होने के सवाल को लेकर ही बात करना ठीक है.
भारतीय कौन है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक नागरिकता को लेकर क़ानून बनाए गए हैं. इन कानूनों में कई मर्तबा संशोधन किया गया है. अनुच्छेद 11 के जरिए ही मोदी सरकार ने भारतीय नागरिकता क़ानून में संशोधन किया था जिसका मुस्लिमों के साथ विपक्ष ने तीखा विरोध किया. बहरहाल, संविधान में नागरिकता को लेकर जो क़ानून हैं उसका सार लगभग यही है कि जन्म के समय बच्चे के माता-पिता दोनों भारतीय हैं तो वो भारत का नागरिक है. भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है लेकिन जन्म के समय उसके माता या पिता में किसी एक का भारत नागरिक होना जरूरी है. जन्म के समय बच्चे के माता या पिता में कोई एक अवैध आप्रवासी ना हो. या नए संशोधन के बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैरमुस्लिम जो भारत में हैं भारत के नागरिक हैं.
अगर यह पता चल गया कि भारतीय कौन है तो विदेशी कौन है इसे जानना और भी ज्यादा आसान है. यानी जो भारतीय नहीं है वो विदेशी है. इसी में आप्रवासी और शरणार्थी भी हैं. भारत में प्रवास करने वाले दूसरे नागरिक. जो वैध दस्तावेज यानी वीजा जैसे कागजात के साथ भारत में रह रहे हैं. अवैध आप्रवासी का मतलब इसका ठीक उलटा है. भारत में विदेशी नागरिक जिसके पास जरूरी कागजात नहीं हैं या उसके वीजा की अवधि ख़त्म हो गई है. इसमें शरणार्थी भी होते हैं जो दूसरे देश के नागरिक हैं लेकिन राजनीतिक वजहों से बिना कागजात दूसरे देश में शरण लिए हुए हैं. ऐसे नागरिक भी जिनके नागरिकता संदेहास्पद है. दूसरा देश भी उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर रहा है.
फिर शाहजहां भारतीय या विदेशी?
जहां तक बात शाहजहां को लेकर है अगर आज के कानूनी दायरे में देखें तो अख्तर साहब ठीक हैं. "शाहजहां भारत का नागरिक है." भारतीय है. शाहजहां की मां और दादी यहीं की राजपूत महिलाएं हैं. शाहजहां के पिता भारत के वैध शासक हैं जिन्होंने अपनी क्षमता से शासन व्यवस्था चलाई, जैसा कि उस जमाने में होता था. उनकी कई पीढ़ियों का जन्म और मृत्यु भारत में ही हुआ है. यहां तक शाहजहां भारतीय ही हैं. कई लिहाज से. लेकिन आज के संदर्भ में उनसे एक भारतीय नागरिक की तरह व्यवहार की अपेक्षा है.
मुझे इतिहास की जानकारी नहीं. लेकिन अगर भारत का कोई शासक भारत पर राज्य करने के ऐवज में किसी दूसरे देश के शासक, धार्मिक समूह के नेता, अपने मूल पूर्वजों के देश में जिनका संबंध भारत से नहीं था, वहां भारत की संपत्ति नजराने, उनकी खुशामद करने या फिर खजाना भरने के लिए भेज रहा है तो भले ही वो भारत का नागरिक हों- उसकी प्रतिबद्धताओं में देश से ऊपर भी एक व्यवस्था है. ऐसी व्यवस्था जिसका भारत से, उसके लाभ-हानि से कोई लेना-देना नहीं. वो देश के संसाधनों को कहीं और जाया कर रहा है जिससे देश को हानि के अलावा कुछ भी नहीं मिल रहा. इतिहास की जानकारी रखने वाले अपनी संतुष्टि के आधार पर समझ लें कि वो भारतीय नागरिक है या ऐसा भारतीय नागरिक है जिसका देश से कोई लेना देना नहीं था. जहां तक मेरी अपनी बात है- शाहजहां मेरे लिए दोनों स्थितियों में अब कोई जरूरी टॉपिक नहीं लगता.
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