समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
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केरल की कोर्ट का ऐसा है कि,' तेरे पहनावे ने मुझे लुभाया फिर मैंने तुझे छेड़ दिया...!'
महिलाओं के पहनावे पर नजरें टेढ़ी करना दशकों से चला आ रहा है. लेकिन हमें और केरल की अदालत दोनों को इस बात को समझना होगा कि अगर किसी महिला ने छोटे कपड़े पहने हैं तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि वो 'अवेलेबल' या छेड़खानी को नजरअंदाज करने के लिए तैयार है.
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समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

भोपाल में DSP नहीं, एक महिला पिटी है, बिहार में बेटी का गला रेतने वाला पिता नहीं, राक्षस है!
भोपाल में पुलिस मुख्यालय में पदस्थ डीएसपी नेहा पच्चीसिया को उनके पति ने मारा-पीटा है. पति पेशे से इंजीनियर है, जिसकी नजर में उसकी पत्नी कोई अफसर नहीं, बल्कि सिर्फ एक महिला है. जिसपर वह जब चाहे अपनी खीज निकाल सकता है.
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घर में बाप, भाई ही बलात्कार पर उतर आएं तो बेटियां कहां जाएं?
जब कोई किसी लड़की को गंदी नज़रों से देखता है तब लड़की भाग कर अपने पिता के साये में जा खड़ी होती है. पिता न हो तो बड़ा भाई पिता बन कर बहन की रक्षा करता है. लेकिन तब क्या जब एक पिता ही लगातार दो साल तक अपनी बेटी का बलात्कार करे? और पिता को देख भाई भी वही करने लगे?
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