समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

क्या घरेलू कामों के बोझ के डर से लड़कियां शादी नहीं कर रही हैं?
बेटे की शादी के बाद घर की सारी जिम्मेदारी बहू के ऊपर डाल दी जाती है. घर का काम करने और रसोई में खाना बनाने में बुराई नहीं है, लेकिन यह तब उबाऊ हो जाता है सब सबकुछ उस महिला को ही संभालना पड़ता है. महिलाएं पूरी कोशिश करती हैं कि वे घर और ऑफिस दोनों को मैनेज कर सकें. वे मेहनत करने से नहीं, खुद को खोने से डरती हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

लोग बकरी, कुत्ते, कुकर और पेड़ से शादी कर सकते हैं, लेकिन पापिन क्षमा बिंदु है!
क्षमा ने अपनी मांग में खुद ही सिंदूर भरकर, मंगलसूत्र पहनकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. कई का मनना है कि वह ऐसी शादी से खुश कैसे हो सकती हैं, जिसमें ना दूल्हा था ना पंडित जी थे. और तो और...वह अकेले हनीमून पर जाने के पाप भी अपने सिर पर ढो रही है.
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