ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
![Sedition Law पर गांधी, तिलक, ब्रिटिश का हवाला देने वाले सुप्रीम कोर्ट की मासूमियत के सदके! Sedition Law पर गांधी, तिलक, ब्रिटिश का हवाला देने वाले सुप्रीम कोर्ट की मासूमियत के सदके!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202107/supreme-court-311_071621030112.jpg?size=200:200)
Sedition Law पर गांधी, तिलक, ब्रिटिश का हवाला देने वाले सुप्रीम कोर्ट की मासूमियत के सदके!
सुप्रीम कोर्ट भी कभी कभी कितना मासूम लगता है. इस बार जब बात राजद्रोह के मद्देनजर आई तो फिर ऐसा ही हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की जैसी बातें हैं और बातों के दौरान गांधी और तिलक का हवाला देते हुए उसकी जैसी मासूमियत है,एक आम आदमी होने के नाते उस मासूमियत पर तो बस सदके जाने का मन चाहता है.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
![जज धर्मेंद्र राणा वही हैं, लेकिन सफूरा जरगर बनाम दिशा रवि की जमानत पर बहस अलग! जज धर्मेंद्र राणा वही हैं, लेकिन सफूरा जरगर बनाम दिशा रवि की जमानत पर बहस अलग!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202102/safoora_311_022421100018.jpg?size=200:200)
जज धर्मेंद्र राणा वही हैं, लेकिन सफूरा जरगर बनाम दिशा रवि की जमानत पर बहस अलग!
सोशल मी़डिया के इस दौर में लोग तथ्य से ज्यादा कथ्य को तरजीह देते हैं. यह बहुत आम बात हो चुकी है कि लोग अपने पूर्वाग्रहों के चलते देश की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करने से भी नहीं चूकते हैं. इन सबके बीच गौर करने वाली बात ये भी है कि अगर किसी फैसले से लोगों के नजरिये को बल मिलता है, तो लोग उसे हाथोंहाथ ले लेते हैं. फैसला देने वाला जज लोगों के लिए 'हीरो' बन जाता है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
![पाकिस्तान जिंदाबाद कहने में बुराई ही क्या है? तो सुन लीजिए... पाकिस्तान जिंदाबाद कहने में बुराई ही क्या है? तो सुन लीजिए...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202002/amulya_leona_311x175_022520074747.jpg?size=200:200)
पाकिस्तान जिंदाबाद कहने में बुराई ही क्या है? तो सुन लीजिए...
अमूल्या लियोना जब पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाती है, और शरजील इमाम असम को भारत से तोड़ने के लिए मुसलमानों को उकसाता है, तो यह देशद्रोह के अलावा कुछ नहीं है. लेकिन समस्या भड़काऊ बयान देने वाले ये लोग ही नहीं, वे कथित बुद्धिजीवी भी हैं जो इनका समर्थन करते हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
![शेहला रशीद को बार बार 'देशद्रोह' के मामले से क्यों जूझना पड़ता है? शेहला रशीद को बार बार 'देशद्रोह' के मामले से क्यों जूझना पड़ता है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/201909/shehla-rashid_311_090919095433.jpg?size=200:200)
शेहला रशीद को बार बार 'देशद्रोह' के मामले से क्यों जूझना पड़ता है?
सेना के खिलाफ बयान देने के लिए अरुंधति रॉय ने 9 साल बाद माफी मांगी है. सेना के खिलाफ बयान देने वालों में शेहला रशीद की छात्र राजनीति के साथी कन्हैया कुमार भी शामिल हैं. कन्हैया की पैरोकार रहीं शेहला पर भी अब गिरफ्तारी की तलवार लटकी है.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें