समाज | 6-मिनट में पढ़ें
आखिर कब रुकेगा अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से होने वाली मौतों का सिलसिला?
रेलवे स्टेशन पर ही नहीं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी भगदड़ के कारण दुखद हादसे की खबरें सुर्खियां बनती हैं. लेकिन हादसे के बाद शायद ही कभी उसकी रोकथाम के स्थायी उपायों पर कोई ठोस कार्यवाही होती हो. सरकार और प्रशासन का पूरा फोकस मामले को निपटाने और मुआवजा बांटने पर होता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
ट्रेन में नमाज या भजन, दोनों में से कौन सा अपराध की श्रेणी में आता है?
ट्रेन के कोच में महिलाएं खड़े होकर भजन गा रही हैं और डांस कर कर रही हैं. इस वीडियो के साथ एक दूसरा वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग ट्रेन के फर्श पर नमाज पढ़ रहे हैं. वे सामने से आने वाले कुछ लोगों को रोक रहे हैं. अब इन दोनों वीडियो को शेयर कर कुछ लोग पूछ रहे हैं कि कौन सा अपराध की श्रेणी में आता है?
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
बिहार में जनता को जंगलराज का भूत अब रेलवे में दिखा है...
जंगल राज का भूत लोगों की मानसिकता से निकाल पाना तेजस्वी के लिए आसान नहीं है. लोगों के दिलो-दिमाग में जंगलराज घर कर गया है. भले ही तेजस्वी जंगलराज के दाग को मिटाने के लिए पार्टी का नाम और सिंबल ही क्यों ना बदल दे, जंगलराज का दाग मिटने वाला नहीं है.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
RRB NTPC exam protest: भटका हुआ युवा या वाजिब सवाल उठाता युवा?
सवाल उठाना ही किसी खेमे में डाल दे तो यह देश को जनतंत्र की राह से कहीं और ही ले जाना होगा. किन्तु सवाल ज़रूरी है. क्या वजह है की सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में ही ऐसी अड़चने आती है? क्या तकनीकी कमी है या नौकरी के नाम पर बिचौलियों का खेल है. देश में सरकारी नौकरी के नाम पर क्यों पारदर्शिता नहीं रहती. सवाल वाजिब है और जवाब लाठियों से नहीं दिए जा सकते.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
प्रीत तुम्हें दक्षिणी ध्रुव सोलो ट्रिप की बधाई, यहां तो अकेले ट्रेवेल करना ही मुश्किल है!
बधाई हो प्रीत (preet chandi) तुमने दक्षिणी ध्रुव (South Pole) तक सोलो ट्रिप (Solo Trip) करके इतिहास कायम कर दिया है लेकिन हमें तो अकेले ट्रेवल करने भी इजाजत नहीं मिलती है. अगर मिलती भी है तो उसमें 10 शर्ते रख दी जाती हैं.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
प्रवासी मजदूरों की चिंताओं से सरकार का पलायन
कोरोना वायरस (Coronavirus) लॉक डाउन (Lockdown) के मद्देनजर सबसे बुरा हाल मजदूरों (Migrant Workers) का है जो आर्थिक तंगी (Crisis )का सामना कर रहे हैं और वापस अपने घर जाने के लिए पालयन (Migration) करने पर मजबूर हैं. आजादी के बाद ये पहली बार है जब इस तरह का पलायन दिखा है.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें






