समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
मर्दों वाली दुनिया को झन्नाटेदार थप्पड़ है गंगूबाई काठियावाड़ी!
गंगूबाई काठियावाड़ी ट्रेलर में कहती हैं कि 'शक्ति, सदबुद्धि और संपत्ति जब तीनों ही औरतें हैं तो इन मर्दों को किस बात का गुरूर? कोठे पर अपनी इज्जत खोने वाली इस महिला में इतनी शक्ति थी कि लोग उसका सम्मान करते थे और उसके सामने इज्जत से पुरुष भी सिर झुका देते थे.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
वेश्या को देख नाकमुंह सिकोड़ने वालों को उनकी जिंदगी का अहम पहलू देखना चाहिए...
बिना सोचे समझे हम इंसानों को बांटने में, खुद को दूसरों से ऊंचा दिखने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि पता ही नहीं चलता कब आम भावनाओं को भी पीछे छोड़ देते हैं. इंसानियत के नाते ही सही क्या ये जरूरी नहीं लगता कि कभी किसी इंसान को इंसान ही समझा जाए?
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