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Updated: 08 फरवरी, 2022 01:30 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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'शक्ति, सदबुद्धि और संपत्ति जब तीनों ही औरतें हैं तो इन मर्दों को किस बात का गुरूर?' यह हम नहीं बल्कि फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के ट्रेलर (Gangubai Kathiawadi Trailer) में आलिया भट्ट बड़े ही दमदार अंदाज में कहते हुए दिख रही हैं. वैसे यह फिल्म काल्पनिक नहीं है. यह फिल्म उस महिला की जिंदगी पर बनी है जो उस दुनिया पर राज करती थी, जहां औरतों के खड़े होने पर ही उसे बदचलन कहा जाता है.

हम बात कर रहे हैं मुंबई 'माफिया क्वीन' की बेखौफ गंगूबाई की. एक कोठेवाली की असल कहानी उन मर्दों की बदचलन दुनिया की हकीकत को बयां करती है जो महिलाओं की इज्जत के साथ खेलते हैं.

Gangubai Kathiawadi Trailer, Gangubai Kathiawadi Trailer released, Gangubai Kathiawadi Trailer outमुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में गंगूबाई ने अपना कद इतना बढ़ा लिया था कि कोठे पर उनकी मर्जी के बिना बड़े से बड़ा गैंगस्टर भी कदम रखने की हिम्मत नहीं रखता था

वे पुरुष जो खुद कोठे पर जाते हैं और बदनाम कोठेवाली को करते हैं. ये सिर्फ गंगूबाई थीं जिनकी मर्जी के बिना कोई पुरुष किसी तवायफ के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता था. ऐसे पुरुषों को गंगूबाई काठियावाड़ी ने अपने समय में अच्छा सबक सिखाया. कोठे पर अपनी इज्जत खोने वाली इस महिला में इतनी शक्ति थी कि लोग उसका सम्मान करते थे और उसके सामने इज्जत से पुरुष भी सिर झुका देते थे.

ट्रेलर में देख सकते हैं कि जब गंगूबाई कहती हैं 'एक बात बोलती हूं थोड़ा कड़वी लगेगी ध्यान से सुनना...आपकी इज्जत एक बार गई तो गई...हम तो रोज रात को इज्जत भेजेत हैं शाली खत्म ही नहीं होती...'जिसकी बातों में इतनी ताकत है उसकी जगह कमाठीपुरा में अमावस की रात कैसे हो सकती है?

Gangubai Kathiawadi Trailer, Gangubai Kathiawadi Trailer released, Gangubai Kathiawadi Trailer out गंगूबाई का असली नाम हरजीवन दास था जो गुजरात के एक समृद्ध परिवार से थीं

मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में गंगूबाई ने अपना कद इतना बढ़ा लिया था कि कोठे पर उनकी मर्जी के बिना बड़े से बड़ा गैंगस्टर भी कदम रखने की हिम्मत नहीं रखता था. गंगूबाई सेक्स वर्कर्स और अनाथ बच्चों के हित में भी काम करती थीं. उनकी बातों में इतना दम था कि जब उन्होंने आजाद मैदान में भाषण दिया तो अगली सुबह हर अखबार में उन्हें जगह दी थी. यह 60 के दशक का दौर था, जब अचानक से पुरुषों की दुनिया में उस महिला का दबदबा कायम हुआ जिसने कोठे पर रोज मर्दों को इज्जत बेचने को मजबूर हुई थी. ट्रेलर में जब गंगूबाई कहती है कि, 'कल लिख देना अखबार में कि आजाद मैदान में गंगूबाई ने आंखें झुकाकर नहीं, आंखें मिलाकर अपने हक की बात की है.' जब ताली और सीटी बजाने का मन करता है.

हरजीवन दास हुई धोखे और शोषण की शिकार

असल में किसी भी अपराधी के पीछे कोई कहानी छिपी होती है. गंगूबाई के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उनके माता-पिता की वो लाडली थीं. गंगूबाई का असली नाम हरजीवन दास था. जो गुजरात के एक समृद्ध परिवार से थीं. वह एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. उन्हें अपने पिताजी के अकाउंटेंट रमनिक से प्यार हो गया. उनके परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे. इसलिए वे अपने प्रेमी के साथ भागकर मुंबई आ गईं. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली. वे सुनहरे सपने लेकर मुंबई आईं थीं, लेकिन हकीकत को कुछ ही मंजूर था.

Gangubai Kathiawadi Trailer, Gangubai Kathiawadi Trailer released, Gangubai Kathiawadi Trailer out  एक मासूम लड़की से रेड लाइट एरिया की क्वीन बनने तक का सफर

गंगूबाई पर मुसीबतों का ऐसा पहाड़ टूटेगा जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी. गंगूबाई के पति ने उन्हें 500 रूपए में कोठे पर बेच दिया. धोखे और शोषण ने इस पवित्र गंगा से उसकी मासूमियत छीन ली. इसके बाद वे मुंबई की डॉन और वेश्यालय की मालकिन बन गईं. जिस पुलिस, समाज और गैंगस्टर्स ने उन्हें दर्द दिया वे उसे सोई चुभोने के लिए ललकारने लगीं कि दम है तो मेरे बिना मर्जी के यहां आकर दिखा. यह फिल्म लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के आधार पर बनाई गई है. जिसमें गंगूबाई के एक मासूम लड़की से रेड लाइट एरिया की क्वीन बनने तक के सफर को दिखाया गया है.

गंगू बाई की जिंदगी में आया मोड़

गंगू बाई की जिंदगी तब बदली जब वे अपने साथ हुए अन्याय के लिए इंसाफ मांगने कमाठीपुरा के माफिया डॉन करीम लाला से इंसाफ मांगने गईं थीं. उस वक्त करीम लाला का सिक्का चलता था. फिल्म में अजय देवगन ने करीम लाला का रोल निभाया है. वे 60 के दशक का गुंडा जरूर था लेकिन उसका दिल नेक था. अजय देवगन ट्रेलर में कहते हैं कि 'लाला को घर बसते हुए देखना पसंद है, उजड़ते हुए नहीं.'

उस समय करीम लाला के एक गुंडे की नजर गंगा पर पड़ी और उसने गंगा का रेप किया. करीम लाला को जब यह बात पता चली तो उन्होंने गंगा के साथ इंसाफ करते हुए गंगा को अपनी मुंहबोली बहन मान लिया. करीम लाला से मिलने के बाद गंगा की जिंदगी बदल गई. इसके बाद वे गंगा के गंगूबाई काठियावाड़ी बनने की राह पर चल पड़ीं.

Gangubai Kathiawadi Trailer, Gangubai Kathiawadi Trailer released, Gangubai Kathiawadi Trailer out. गंगूबाई के पति ने उन्हें 500 रूपए में कोठे पर बेच दिया

इसके बाद गंगा ने गुंडों, गैंगस्टर और बालात्कारियों को उनकी औकात याद दिला दी. गंगूबाई ने उस जमाने में कोठे पर बैठने वाली महिलाओं को उनकी कोई इज्जत दिलाई, क्योंकि गंगूबाई ने अपने वेश्यालय में कभी किसी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं होने दी. वह उसी को कोठे पर रखती थीं जो अपनी मर्जी से आती थी. गंगूबाई सेक्स वर्कस के अधिकारों के लिए एक आवाज बन गईं. गंगूबाई ने उन मर्दों को झुका दिया जो महिलाओं को अपने पांव की जूती समझते थे, क्योंकि समाज के लोग कहां वेश्याओं की इज्जत करते हैं?

आलिया का अंदाज चुनौती दे रहा है- 

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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