सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
जिस नेता की संसद में मौजूदगी राष्ट्रीय औसत से नीचे हो, कम से कम वह माइक बंद करने का आरोप ना लगाए!
संसद में राहुल गांधी की मौजूदगी हमेशा राष्ट्रीय औसत से घटिया रही है. वे कभी कभार आते भी हैं तो पूरा वक्त नहीं देते और सवाल पूछकर निकल जाते हैं. भला उन्हें साहस कैसे हुए कि लोकसभा में माइक बंद करने का आरोप लगाए. भला उनके नेता अखिलेश-मायावती को डरपोक कैसे कह सकते हैं. सिर्फ भाई-बहन का प्यार दिखाने से पीएम की कुर्सी नहीं मिलती. भारत बदल चुका है राहुल जी.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
केशुभाई पटेल: वो मुख्यमंत्री जिसने गुजरात में कांग्रेस को न घर का छोड़ा न घाट का...
केशुभाई के पहले कार्यकाल के दौरान ही नरेंद्र मोदी बीजेपी के केंद्रीय संगठन में आ चुके थे.कहते हैं कि केशुभाई ने जब दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली तो सबसे पहले बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व से कहलवाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात से दिल्ली भिजवा दिया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि मोदी गुजरात में नेताओं या लोगों से मेल-मिलाप करें.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
'तानाशाही' शब्द तो नहीं लेकिन अब संसद परिसर में धरना देना असंसदीय होगा
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) ने असंसदीय शब्दों की सूची पर सफाई के साथ ही संसद परिसर में अब धरना (No Dharna in Parliament) पर भी बैन लगा दिये जाने की खबर आ गयी है - आखिर मॉनसून सेशन (Monsoon Session) में अभी कितने प्रयोग किये जाने बाकी हैं?
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
मोदी और देवेगौड़ा के मन की बात को कांग्रेस- राहुल गांधी को बार बार सुनना चाहिए
पीएम मोदी के विषय में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने मन की बात की है और जमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफें की हैं. इन तारीफों से कांग्रेस आलाकमान, राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी को प्रेरणा लेनी चाहिए और पीएम मोदी के विषय में देवेगौड़ा की बातों को बार बार सुनना चाहिए.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
मनोज बाजपेयी ने OTT कंटेंट की सेंसरशिप पर नई बहस का आगाज कर दिया!
मिर्जापुर-तांडव कंट्रोवर्सी के बाद OTT पर सेंसरशिप के मद्देनजर जो बयान मनोज बाजपेयी ने दिया है और जैसे उन्होंने OTT कंटेंट का समर्थन किया है उसने कई सवालों के जवाब खुद दे दिए हैं. साफ़ हो गया है कि मनोज तक इस बात को मानते हैं कि OTT पर दर्शक हिंसा, गाली गलौज, सेक्स देखने ही आता है जो वर्तमान परिदृश्य में उन्हें भरपूर दिखाई जा रही है.
सिनेमा | 6-मिनट में पढ़ें
Tandav-Mirzapur Controversy लोकसभा पहुंची, इंतजार कीजिये नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम की नकेल का
अमेजन प्राइम की वेब सीरीज तांडव और मिर्जापुर की रिलीज के बाद उपजा विवाद अब सोशल मीडिया से हटकर लोकसभा पहुंच गया है और मांग की जा रही है कि अब OTT के कंटेंट को सेंसरशिप के दायरे में लाया जाए. सवाल ये है कि कहीं इस मांग को उठाने में देर तो नहीं कर दी गई है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
विधानसभा चुनावों में हार से अमित शाह BJP की रणनीति बदलने को मजबूर
अमित शाह (Amit Shah) ने पार्लियामेंट में संपूर्ण बहुमत के लिए पंचायतों (Panchayat Polls) का रास्ता अख्तियार किया है, ताकि विधानसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित हो और फिर राज्य सभा में - और इस तरह बीजेपी अपने स्वर्णिम काल (BJP Golden Period) में पहुंच सके.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें







